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असली नेता समाजनेता, राजनेता नहीं,-हरि जयसिंह, पूर्व सम्पादक, द ट्रिब्यून (चण्डीगढ़)सवाल बड़ा दिलचस्प है कि देश का असली नेता राजनेता होता है या समाज नेता। प्रेरणा किससे मिलती है? मेरा मानना है कि राजनेता अपने ही क्षेत्र में यानी राजनीति के क्षेत्र में ही प्रेरणादायक हो सकता है। आई.टी. के क्षेत्र में नारायण मूर्ति या उद्योग के क्षेत्र में टाटा-बिरला आदि प्रेरणा के स्रोत हो सकते हैं।इसमें दो राय नहीं कि समाज का आदर्श समाजनेता ही होते हैं। आज की युवा पीढ़ी के लिए नारायण मूर्ति प्रेरणा के स्रोत हो सकते हैं। खासकर प्रबंधन, प्रौद्योगिकी, उद्योग, कला, संस्कृति के क्षेत्र में समाजनेता ही आदर्श हो सकते हैं। मेरी दृष्टि में आदर्श है, स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविन्द या उस तरह से महात्मा गांधी, सुभाष बोस, पं. दीनदयाल उपाध्याय, श्री गुरुजी आदि। इन लोगों ने भारतीय संस्कृति के उत्थान में अपनी तरह से योगदान दिया है।दूसरी ओर राजनीतिज्ञों के बारे में तो जितना कहें कम है। उनकी साख क्यों दिन-प्रतिदिन घट रही है? यह नैतिक, वैचारिक पतन क्यों है? मूल्य कहां खोते जा रहे हैं? संस्कार कहां छूट रहे हैं? हमें परिवारों से संस्कार मिलते थे, स्कूल के शिक्षकों और समाज से संस्कार मिलते थे। लेकिन आज परिवार बचे कहां हैं? दादा-दादी, नाना-नानी की मौजूदगी वाले संयुक्त परिवार घटते जा रहे हैं। मुझे लगता है कि राजनीतिक क्षेत्र में पतन के पीछे आज समाज से संस्कारों का गायब होना ही कारण है। माता-पिता के पास आज बच्चों के लिए समय ही नहीं है।मीडिया की चर्चा करूं तो आज इस क्षेत्र में भी आदर्श नहीं दिखता। मैं यह नहीं कहता कि मीडिया की आज की पीढ़ी खराब है, पर जैसा पहले माहौल होता था, वैसा आज नहीं दिखता। मीडिया में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो गलत तरीके अपनाकर पैसा बना रहे हैं। रातों रात अमीर बनने की सोच वातावरण खराब कर रही है। देखा जाए तो राजनेता ही देश के ठेकेदार बने हुए हैं। लोगों ने उन्हें लोकतंत्र का ठेका जैसा दिया हुआ है। पर सारे नेता भ्रष्ट नहीं हैं। कुछ अच्छे भी हैं, पर सुरमे की कोठरी में जाने से दाग तो लगेगा ही।बहरहाल, हताश होने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि आशा की किरण दिखाई दे रही है। हम लोगों को ही एक सकारात्मक माहौल बनाना होगा। जनतंत्र में जनता को जागरूक रहते हुए भविष्य की ओर देखना है। देश के असली नेता ये राजनेता नहीं, समाजनेता हैं। युवा पीढ़ी नई उम्मीदों से भरी आदर्श तलाश रही है, जरूरत है उसे सही दिशा दिखाने की।NEWS
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