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पं.जवाहर लाल नेहरू के कारण देश ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को खो दिया। नेहरू जी को आशंका थी कि यदि नेताजी प्रकट हो गए तो इस देश में उन्हीं की तूती बोलेगी और उनकी (नेहरूजी की) सत्ता हाथों से खिसक जाएगी।नेताजी ताइवान से विमान से चले और फिर अंग्रेजों की आंखों में धूल झोंकने के लिए खबर उड़वा दी गई कि विमान दुर्घटना में नेताजी खत्म हो गए। वास्तव में नेताजी गुप्त रूप से रूस चले गए थे। डा. राधाकृष्णन उनसे मिलकर भी आए थे, परन्तु नेहरू जी नहीं चाहते थे कि नेताजी के जीवित होने की बात जनता को पता चले। अत: स्वतंत्रता के बाद उन्होंने जनता को भ्रमित करने के लिए जांच आयोग बैठाया। उसने बिना जांच के ही नेताजी की मृत्यु की बात कह दी। वास्तव में नेताजी 1985 तक जीवित थे। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर व नोएडा में वे गुमनामी बाबा के नाम से रहते थे। गुमनामी बाबा के साथ देश के कई नेताओं के पत्र-व्यवहार होते थे। श्रीगुरुजी से भी उनका पत्र-व्यवहार हुआ था।NEWS
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