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पुस्तक का नाम – सुथरीलेखक – बलराम मिश्रमूल्य – रु. 125/-पृष्ठ – 111प्रकाशक – सत्साहित्य प्रकाशन205-बी, चावड़ी बाजार,दिल्ली-110006गुजरात में सिन्धु सागर से सटा, कच्छ की खाड़ी कहे जाने वाले तट पर एक साधारण-सा गांव है “सुथरी”। इसी ग्राम के समुद्र तट पर सागर की उत्ताल लहरों का स्पर्श पाकर रोमांचित हुए लेखक ने अपने कल्पना लोक की गहराइयों में उतरकर जो लेखन-सृष्टि की, वही “सुथरी” नाम से अब पुस्तक के रूप में पाठकों के समक्ष उपलब्ध है। समुद्र तट पर जल के साथ जीवन्त संवाद स्थापित कर लेखक ने मानव जीवन से जुड़े अनेक उपयोगी पहलुओं पर प्रकाश डाला है। लेखक के अनुसार, “पानी की बातें यदि समाज के सभी लोग सुनें तो समाज की चिर संजोई यथास्थितिता तो नष्ट हो जायेगी और यथास्थितिता के नष्ट होने का अर्थ होगा – अवांछित परंपराओं, रस्म-रिवाजों आदि का नाश…।” जल से संवाद के जरिए भारतीय लोक जीवन की अनंत यात्रा का प्रभावी वर्णन पुस्तक में हुआ है। “सुथरी” में जहां सागर की तरंगों से ऋग्वेद की ऋचाएं, वसुधैव कुटुम्बकम् का सन्देश, गीता का तत्वज्ञान, धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की अवधारणा का प्रकटीकरण किया गया है वहीं लेखक ने “जल” के मानवीय उद्बोधन द्वारा पाश्चात्य अप- संस्कृति, छद्म पंथनिरपेक्षता, वैश्वीकरण, हिन्दुओं की आत्मविस्मृति आदि के कारण भारतीय लोक परम्परा पर किए जाने वाले प्रहारों का मार्मिक वर्णन भी किया है।जल की गतिशीलता, सदैव प्रवाहमान और कहीं भी, किसी भी परिस्थिति में सतत् कर्मरत रहने के गुणों का वर्णन करते हुए “सुथरी” आधुनिक मनुष्य को बाधाओं के समक्ष कभी न हारने की सलाह देती है। “सुथरी” में लेखक ने अन्तरविवेचन और अन्तरसंवाद स्थापित कर महोदधि के सन्देशों को साकार साक्षर रूप प्रदान किया है। “सुथरी” की जल तरंगें प्रत्येक मानव को कह रही हैं … “हमारी गतिशीलता ही तो है, जो हमें अपने धारक स्थान या पात्र की रचना, आकार, दशा आदि की चिंताओं से ऊपर रखती है। बस, चलते रहना, बहते रहना, हर स्थिति में गतिमान रहना ही हमारा स्वभाव है।”कुल मिलाकर, “सुथरी” के बहाने पूरे भारत राष्ट्र का सांस्कृतिक, सामाजिक, जैविक, भौगोलिक स्वरूप चित्रित करने का प्रयत्न हुआ है। इस औपन्यासिक कृति में विराट के दर्शन कराने की चेष्टा मूर्तिमान हुई है, जो अत्यंत प्रेरक है।ऐसा लगता है कि लेखक ने एक विशेष पाठक वर्ग को ध्यान में रखकर ही कृति की रचना की है। भाषा थोड़ी अधिक सहज और सरल होती तो पठनीयता बढ़ जाती।समीक्षकNEWS
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