सम्पादकीय
November 29, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
No Result
View All Result
Panchjanya
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • पत्रिका
  • वेब स्टोरी
  • My States
  • Vocal4Local
होम Archive

सम्पादकीय

by
Nov 7, 2004, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 07 Nov 2004 00:00:00

वर: क्रूरनिसगणिमहीनाममृतं यथा

क्रूर स्वभाव वालों के लिए वर वैसा ही होता है, जैसा सांप के लिए अमृत।

-भागवत (7/10/30)

पंचशील के पचास वर्ष

पंचशील की कहानी शुरू हुए 50 साल पूरे हो गए। भारत और चीन के बीच शांति और सह-अस्तित्व को ध्यान में रखते हुए 29 जून, 1954 को दोनों देशों ने पंचशील समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। भारत तो हमेशा से ही शांति का पक्षधर रहा है और पंचशील सिद्धान्तों पर चलता रहा है। प्रश्न उठता है कि इन सिद्धान्तों में चुभन किसने और कब पैदा की? दोनों देश पंचशील की स्वर्ण जयंती मना रहे हैं। इस अवसर पर उन बिन्दुओं की ओर भी ध्यान देना होगा, जो चुभन पैदा करते हैं।

इस संदर्भ में सच की परतें खोलने वाले कुछ तथ्यों को अवश्य ध्यान में रखना होगा। बीजिंग में इस समझौते पर 29 अप्रैल, 1954 को चीन के विदेश उपमंत्री श्री चांग हान फू और चीन में भारत के राजदूत नेदयाम राघवन् ने हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता 8 साल तक के लिए था। फिर इसका नवीनीकरण होना था, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने यह नहीं किया। इसके पीछे क्या कारण रहे होंगे? उन कारणों की अनदेखी करना इतिहास की अनदेखी करना होगा। हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि यही 29 जून भारत में चीन की लाल सेना या “जनमुक्ति सेना” (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) द्वारा की गयी पहली अवैध घुसपैठ का भी पचासवां साल है। 1954 में इसी दिन चीनी सेना भारतीय इलाके बड़ाहोती (उत्तराञ्चल) में घुस आयी थी और इसके बाद दोनों देशों की सरकारों के बीच खासा तनातनी का माहौल बन गया था। सही मायनों में पूछें तो यह दोनों देशों के शांतिपूर्ण भाईचारे की समाप्ति की शुरुआत थी। उसके बाद 1962 का चीनी हमला भारत कैसे भूल सकता है, जब “हिन्दी-चीनी भाई-भाई” नारे को कुचलते हुए चीन ने भारत की पीठ पर छुरा घोंपा था।

अब चीन खूब धूमधाम से पंचशील की स्वर्ण जयंती मना रहा है। पंचशील सिद्धान्तों के माध्यम से जहां भारत को आशा है कि एक नयी और भविष्योन्मुखी दोस्ती की शुरुआत हो सकती है, वहीं चीन की ओर से भी इसी प्रकार के संकेत मिल रहे हैं, जिसका स्वागत होना चाहिए। यद्यपि भूराजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चीन अपनी सैनिक शक्ति और आर्थिक प्रगति के आधार पर दुनिया की बड़ी ताकत के रूप में सामने आ रहा है, जिसका स्वाभाविक रूप से एशिया पर भी असर हो रहा है। इस समय विश्व के अन्य भागों की भांति एशिया भी इस्लामी आतंकवाद से जूझ रहा है। इस आतंकवाद का सामना जहां भारत तीव्रता से कर रहा है और उस पर सर्वाधिक आघात हो रहे हैं, वहीं चीन भी अपने यहां सर उठा रहे इस्लामी कट्टरवाद के प्रति चिंतित है। ऐसी स्थिति में भारत और चीन की भरोसा दिलाने वाली मैत्री के प्रति सभी की दृष्टि टिकी है। दक्षिण एशियाई क्षेत्र में चीन का अभूतपूर्व सैन्य विस्तार और पाकिस्तान को चीनी शस्त्रास्त्रों की मदद को भी इस परिदृश्य में महत्वपूर्ण मानकर देखना चाहिए। ये भारत की चिंताएं हैं और आशा की जानी चाहिए कि मित्रता के साथ-साथ चीन के संदर्भ में इस पहलू को भी भारत ध्यान में रखेगा।

एक साल पहले चीनी नेतृत्व ने एक और मुहावरा उछाला था, “चीन का शांतिपूर्ण उदय” और यह शांतिपूर्ण उदय एशिया के लिए लाभदायक सिद्ध होगा। यह नीति उसे “चित भी मेरी, पट भी मेरी” वाली स्थिति में पहुंचा देगी। वैसे चीन शांतिपूर्वक तेजी से विकास की नीति अपना रहा है और घोषणा कर रहा है कि इस विकास में क्षेत्रीय मुद्दे आड़े नहीं आएंगे। अगर यह बात सच है तो भारत और चीन के बीच वर्षों से उलझा सीमाओं का विवाद सुलझा लेना चाहिए। और अब जबकि फिर पंचशील की बात छिड़ी है तो भारत के लिए जरूरी है कि वह चीन से इस बात का आश्वासन ले कि अब हमारी सम्प्रभुता पर कोई आंच नहीं आएगी। लेकिन अब वादे-इरादे कोरी बयानबाजी पर आधारित न हों, बातों से ज्यादा आगे जाकर कुछ यथार्थ में होना चाहिए। तिब्बत के बारे में और सीमा विवाद पर कुछ ठोस फैसला होना ही चाहिए। पंचशील का सार सह-अस्तित्व है, सिर्फ स्व-अस्तित्व नहीं।

5

ShareTweetSendShareSend

संबंधित समाचार

PM Narendra Modi

प्रधानमंत्री मोदी ने सुरंग से बाहर आए श्रमिकों से की बात, मुख्यमंत्री धामी को भी दी बधाई

मिशन सिलक्यारा हुआ सफल: 17वें दिन सुरंग से सकुशल बाहर आए सभी 41 श्रमिक, आस्था और विज्ञान से अंजाम तक पहुंचा मिशन

उत्तरकाशी: मुख्यमंत्री धामी ने बचाव दल की पूरी टीम को दी बधाई, कहा-श्रमिकों और परिजनों के चेहरे की खुशी से मिला सकून

मिशन सिलक्यारा हुआ सफल: 17वें दिन सुरंग से सकुशल बाहर आए सभी 41 श्रमिक, आस्था और विज्ञान से अंजाम तक पहुंचा मिशन

मिशन सिलक्यारा हुआ सफल: 17वें दिन सुरंग से सकुशल बाहर आए सभी 41 श्रमिक, आस्था और विज्ञान से अंजाम तक पहुंचा मिशन

मेवाड़ की धरा से संत समाज ने किया कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन का ऐलान

मेवाड़ की धरा से संत समाज ने किया कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन का ऐलान

मथुरा में शुरू हुआ देश का पहला गो अनुसंधान केन्द्र, आरएसएस के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने किया लोकार्पण

मथुरा में शुरू हुआ देश का पहला गो अनुसंधान केन्द्र, आरएसएस के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने किया लोकार्पण

साधारण युवाओं के असाधारण योगदान की पहचान है यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार

साधारण युवाओं के असाधारण योगदान की पहचान है यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

PM Narendra Modi

प्रधानमंत्री मोदी ने सुरंग से बाहर आए श्रमिकों से की बात, मुख्यमंत्री धामी को भी दी बधाई

मिशन सिलक्यारा हुआ सफल: 17वें दिन सुरंग से सकुशल बाहर आए सभी 41 श्रमिक, आस्था और विज्ञान से अंजाम तक पहुंचा मिशन

उत्तरकाशी: मुख्यमंत्री धामी ने बचाव दल की पूरी टीम को दी बधाई, कहा-श्रमिकों और परिजनों के चेहरे की खुशी से मिला सकून

मिशन सिलक्यारा हुआ सफल: 17वें दिन सुरंग से सकुशल बाहर आए सभी 41 श्रमिक, आस्था और विज्ञान से अंजाम तक पहुंचा मिशन

मिशन सिलक्यारा हुआ सफल: 17वें दिन सुरंग से सकुशल बाहर आए सभी 41 श्रमिक, आस्था और विज्ञान से अंजाम तक पहुंचा मिशन

मेवाड़ की धरा से संत समाज ने किया कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन का ऐलान

मेवाड़ की धरा से संत समाज ने किया कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन का ऐलान

मथुरा में शुरू हुआ देश का पहला गो अनुसंधान केन्द्र, आरएसएस के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने किया लोकार्पण

मथुरा में शुरू हुआ देश का पहला गो अनुसंधान केन्द्र, आरएसएस के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने किया लोकार्पण

साधारण युवाओं के असाधारण योगदान की पहचान है यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार

साधारण युवाओं के असाधारण योगदान की पहचान है यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार

अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश

“पूरा पैसा देना ही होगा”, केजरीवाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने फिर लगाई जमकर फटकार

दिल्ली में अवैध रूप से रह रहा बांग्लादेशी घुसपैठिया गाजियाबाद में गिरफ्तार, चार बार जा चुका है जेल, 14 मामले हैं दर्ज

दिल्ली में अवैध रूप से रह रहा बांग्लादेशी घुसपैठिया गाजियाबाद में गिरफ्तार, चार बार जा चुका है जेल, 14 मामले हैं दर्ज

पंजाबी साहित्यकारों पर संगोष्ठी

पंजाबी साहित्यकारों पर संगोष्ठी

उत्तराखंड प्राचीनकाल से ही शोध, साधना, अध्यात्म, ज्ञान और विज्ञान का स्थल रहा है : मुख्यमंत्री धामी

उत्तराखंड प्राचीनकाल से ही शोध, साधना, अध्यात्म, ज्ञान और विज्ञान का स्थल रहा है : मुख्यमंत्री धामी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • बोली में बुलेटिन
  • Web Stories
  • पॉडकास्ट
  • Vocal4Local
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • पत्रिका
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies