मुम्बई में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक<p style=font-
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

मुम्बई में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक<p style=font-

by
Nov 7, 2004, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 07 Nov 2004 00:00:00

मुम्बई में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक

आओ फिर से

दीया जलाएं

पं.दीनदयाल उपाध्याय डा. श्यामाप्रसाद मुखर्जी

दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यकारिणी बैठक का उद्घाटन करते हुए श्री अटल बिहारी वाजपेयी। साथ में हैं (बाएं से) श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्री गोपीनाथ मुंडे व श्री वेंकैया नायडू

बैठक में उपस्थित प्रतिनिधि

कार्यकारिणी की बैठक में (बाएं से) डा. हर्षवर्धन, श्री नवजोत सिंह सिद्धू

एवं श्री बल्देवराज चावला। पीछे बैठे हैं श्री पवन शर्मा

पिता, पुत्र और मित्र- (बाएं से) श्री जसवंत सिंह, श्री अनंत कुमार व श्री मानवेन्द्र सिंह

सभागृह में फुर्सत के क्षण-श्री राजनाथ सिंह और श्री मुख्तार अब्बास नकवी

सभागृह के बाहर दर्शन चर्चा -(बाएं से) श्री शाहनवाज हुसैन, श्रीमती सुषमा स्वराज,

श्री शत्रुघ्न सिन्हा व श्रीमती हेमा मालिनी

बैठक स्थल-मुम्बई का सुप्रसिद्ध पांच सितारा रैनेसां होटल, जहां कार्यकारिणी की बैठक हुई।

मेरा फोटू? ना, ना!! मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती

स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण गुजरात के वरिष्ठ नेता श्री केशुभाई पटेल ने पहियों वाली कुर्सी का सहारा लिया।

(सभी छायाचित्र : मोहन बने)

2

आतंकवादियों को पकड़ने के लिए नरेन्द्र कोहली की निर्विवाद सलाह

यूं पकड़ो तो बात बने

नरेन्द्र कोहली

“वह आ रही है उनकी गाड़ी। तैयार हो जाओ।” पहले सिपाही ने कहा।

“देख भैया! मैं तो उनके पास नहीं जाऊंगा।” दूसरे ने कहा।

“पर क्यों?”

“उस दिन दिल्ली में चार लुटेरों से उस यात्री को बचाने के लिए दो सिपाही गए थे। लुटेरों ने सिपाहियों पर ही लाठियों और चाकुओं से हमला बोल दिया। पुलिस का कोई रौब तो है नहीं। जिसे देखो, पुलिस वालों को पीट देता है।” दूसरा बोला, “तुम्हें मालूम है कि उन दोनों सिपाहियों में से एक मर गया और दूसरा अस्पताल में पड़ा है।”

“तो क्या हो गया रामलुभाया! हमारा तो काम ही जोखिम का है।” पहले ने कहा, “शत्रुओं से लड़ते हुए सैनिक भागते हैं क्या? वे अपने प्राण नहीं देते?”

“देते होंगे।” रामलुभाया बोला, “पर उन्हें तो सारा देश शाबाशी देता है और यहां जिसे बचाने गए थे, वही भाग गया। पता ही नहीं चला, कौन था। अब पुलिस रपट लिखे तो क्या लिखे? किसको बचाने गए थे वे सिपाही? केस ही नहीं बनता।” रामलुभाया पीछे हट गया, “नहीं भैया! मैं तो नहीं जाऊंगा।”

“देख रामलुभाया!” भोलाराम ने कहा, “इतना डरने की भी बात नहीं है।”

“क्यों?”

“अरे वे दोनों सिपाही अपने छोटे-छोटे डंडे लेकर भिड़ गए थे, उन लुटेरों से, जिनके पास लठ और चाकू थे। आतंकवादियों से भिड़ना है। उनके पास ए.के. छयालीय और सैंतालीस होती हैं। गोलियों की एक बैछार करेंगे और हम दोनों चित्त हो जाएंगे।”

“हम बौछार नहीं कर सकते क्या?” भोलाराम ने जैसे उसे ललकारा।

“हां! बड़े आए बौछार करने वाले।” रामलुभाया बोला, “हम पुलिस वाले हैं। हमें उन्हें रुकने के लिए कहना होगा। वे नहीं रुके और हमें मारकर भाग गए तो और बात है। रुक गए तो…..।”

“रुक गए तो?”

“तो हमें उनके पास जाकर उन्हें कहना होगा, अपने पासपोर्ट दिखाओ। अपने वे कागज दिखाओ, जिनसे प्रमाणित हो सके कि तुम आतंकवादी हो। वे आतंकवादी न हुए तो ठीक। नहीं तो….।”

“नहीं तो?”

“नहीं तो हम उनके कागज जांचते रहेंगे और वे हमें ठां-ठांकर चलते बनेंगे।”

“हम पागल हैं क्या।” भोलाराम बोला, “हमें ऊपर से पक्की सूचना मिली है कि इसी गाड़ी में आतंकवादी हैं। हम क्यों अपनी राइफलें टांगे हुए जाकर उनसे पूछताछ करेंगे। मरना है क्या?”

“पूछताछ नहीं करोगे, तो क्या करोगे?”

“हम उन्हें रोकेंगे। जब वे रुक जाएंगे तो हम उन्हें कहेंगे कि वे अपने शस्त्र डाल दें और हाथ ऊपर उठाए हुए बाहर निकल आएं। वे बाहर आ जाएंगे और हम उन्हें हथकड़ियां डाल देंगे।”

“इतना ही तो आसान है।” रामलुभाया बोला, “वे आतंकवादी हैं। न बाहर निकलेंगे, न हाथ उठाएंगे। वे तो खिड़की का शीशा नीचे करेंगे और ए.के. सैंतालीस का प्रसाद दे जाएंगे। हमारे विभाग को तो हमारे शव ही मिलेंगे।”

“ऐसा नहीं है।” भोलाराम बोला, “हमें जैसे ही संदेह होगा कि वे आतंकवादी हैं, हम फायरिंग करेंगे। वे हमसे बच नहीं सकते।”

“वे हमसे बच सकते हैं या नहीं, मैं नहीं जानता; किन्तु हम बच नहीं सकते।” रामलुभाया बोला, “यदि उन्होंने हमको मार गिराया, तो ठीक। पर यदि हमने उन्हें मार गिराया, तो हम नहीं बच सकते।”

“पर क्यों? जब हमने उन्हें मार ही गिराया तो हम बच क्यों नहीं सकते?”

“क्योंकि फिर हमें मार गिराने के लिए मानवाधिकार आयोग आ जाएगा।”

“मानवाधिकार आयोग का इसमें क्या काम?” भोलाराम चकित था।

“वह आएगा और पूछेगा कि हमने गोली चलाने से पहले, उनका नाम-ग्राम पूछा था क्या? उनसे पूछताछ क्यों नहीं की? उनका ड्राइविंग लाइसेंस क्यों नहीं देखा? उनकी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन क्यों नहीं मांगा? उनका पासपोर्ट क्यों नहीं देखा? उनके हथियारों का लाइसेंस क्यों नहीं मांगा? हमने पहला अवसर उन्हें क्यों नहीं दिया कि वे हमें मार गिराते? हमारे पास क्या प्रमाण है कि वे आतंकवादी ही थे?”

“तुम तो पागल हो गए हो रामलुभाया!” भोलाराम कुछ उत्तेजित होकर बोला, “वे लोग सिर पर आ गए हैं और तुम अभी तर्क-वितर्क ही किए जा रहे हो।”

“वे हमारे सिर पर ही नहीं आ गए हैं, वे हमारा सिर लेने आ गए हैं; और हम उनके आतंकवादी होने का कोई प्रमाण नहीं जुटा पाए हैं।”

“अरे, यदि वे हमारे ललकारने पर ढंग से रुक ही गए, तो इसका अर्थ है, उनके पास शस्त्र हैं। और इस प्रकार शस्त्र रखना और पुलिस पर गोली चलाना, आतंकवादी होने का प्रमाण है।”

“मानवाधिकार आयोग न माना तो।”

“उनके शस्त्र देखने के बाद भी?”

“वे तो शस्त्र बाद में देखेंगे, पहले प्रेस वाले छाप देंगे कि पुलिस ने उन्हें मारकर उनके शवों के पास शस्त्र डाल दिए हैं। वे लोग तो निर्दोष नागरिक थे। उनके तो अभी दूध के दांत भी नहीं टूटे थे।”

“प्रेस वालों ने उनके दूध के दांत देख लिए?”

“उनके लिए कुछ भी देखना आवश्यक नहीं है। उनका काम है लिखना। शोर मचाना। आरोप लगाना। प्रमाण जुटाना तो हमारा काम है।” रामलुभाया बोला।

“प्रमाण जुटाएंगे न!”

“कैसे जुटाओगे?”

“छानबीन नहीं होगी?”

“छानबीन होगी।” रामलुभाया बोला, “आतंकवादियों के पड़ोसियों से पूछा जाएगा, “क्या वे आतंकवादी थे?”

“अरे कोई अपने पड़ोसियों को बताकर आतंकवादी बनता है।” भोलाराम झींककर बोला, “और यदि वह बता भी दे, तो उनके साथियों के भय से कोई पड़ोसी बता देगा कि वे आतंकवादी थे?”

“नहीं बताएगा।” रामलुभाया ने कहा, “मैं भी तो यही कह रहा हूं। पर न इसे मानवाधिकार आयोग मानेगा, न प्रेस, न विपक्षी दल।” रामलुभाया ने आह भरी, “कितने दुष्ट हैं ये आतंकवादी। इन्हें कम से कम अपने शरीफ पड़ोसियों को तो बता ही देना चाहिए कि वे आतंकवादी हैं। किराए पर मकान लेते हुए, मालिक मकान को ही बता दें कि वे आतंकवादी है। और तो और मुहल्ले के उस बनिये को भी नहीं बताते, जिससे राशन खरीदते हैं। राशनकार्ड पर भी नहीं लिखवाते कि वे आतंकवादी हैं। वैरी बैड। इनसे तो पंजाब के वे आतंकवादी ही अच्छे थे, जो अपने मोटरसाइकिलों पर लिखकर चलते थे-उगरवादी।”

“किन्तु पुलिस अपनी छानबीन से पता लगा ही लेगी।” भोलाराम बोला। “कहां की पुलिस?” रामलुभाया ने पूछा।

“जहां के वे रहने वाले होंगे।”

“वे किसी और प्रदेश के रहने वाले होंगे। उस प्रदेश में किसी और राजनीतिक दल का शासन होगा। वहां की पुलिस क्यों छानबीन करेगी? वे हमारी सहायता क्यों करेंगे? वे कह देंगे कि उनका कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है।”

“पर हर अपराधी पहली बार भी तो अपराध करता है। रिकार्ड बनता है। हो सकता है कि ये पहली बार ही निकले हों हत्याएं करने- तात्पर्य है रिकार्ड बनाने।”

“तो?”

“पहले हम उनसे पूछते हैं कि वे किस प्रदेश के रहने वाले हैं।” रामलुभाया ने प्रस्ताव रखा, “यदि वे हमारे प्रदेश के हुए या किसी ऐसे प्रदेश के हुए जहां का शासन उसी दल के हाथ में है, जिस दल का शासन हमारे राज्य में है, तो ठीक, नहीं तो हम कोई एक्शन नहीं लेंगे।”

“तो क्या हम जानते-बूझते हुए भी आतंकवादियों को जाने दें?”

“हमारे पास दो ही मार्ग हैं।” रामलुभाया ने कहा, “या तो हम उन्हें जाने दें या फिर उन्हें अवसर दें कि वे हमें गोली मार दें और कल के समाचारपत्रों में हमारा नाम शहीदों के रूप में छपवाने के प्रबंध कर दें।”

“यह क्या है रामलुभाया?”

“इसे हमारे यहां राजनीति कहते हैं।”

“पर इससे तो देश नष्ट हो जाएगा।”

“राजनीति का लक्ष्य ही वही है मेरे प्यारे भाई। देश ही नष्ट नहीं किया तो राजनीति ही क्या हुई।”

3

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

वैष्णो देवी यात्रा की सुरक्षा में सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies