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बाबा साहब आपटे जन्म शताब्दी समारोह का समापनभगवाकरण लज्जा का नहीं, गौरव का विषय है-कुप्.सी.सुदर्शनसरसंघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघवैदिक ज्ञान से ही भारत विश्व गुरु बनेगा-भैरों सिंह शेखावत, उपराष्ट्रपतिराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रथम प्रचारक बाबा साहब आपटे के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में देशभर में हुए अनेक कार्यक्रमों की श्रृंखला गत 22 सितम्बर को नई दिल्ली के फिक्की सभागार में आयोजित भव्य समापन समारोह के साथ सम्पन्न हुई। समारोह में उपराष्ट्रपति श्री भैरोंसिंह शेखावत और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री कुप्.सी.सुदर्शन विशेष रूप से उपस्थित थे। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थितजन को सम्बोधित करते हुए श्री शेखावत ने कहा कि बाबा साहब आपटे ने भारतीय संस्कृति की जिस धरोहर को सहेजने का काम किया, आज उसे तथ्यात्मक रूप में देश की जनता और विदेशों के सामने लाने की आवश्यकता है। वेदों में संचित ज्ञान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वेदों में जिस प्रकार के विज्ञान का समावेश है, यदि हमारे विद्वान उसे दुनिया के सामने प्रकट कर सकें तो निश्चय ही भारत दुनिया में किसी से पीछे नहीं रहेगा। वह विश्वगुरु के पद पर आसीन होगा। उन्होंने आज वैश्वीकरण की बात होती है, यह मान्यता तो हमारे वेदों ने “वसुधैव कुटुम्बकम्” के सूत्र में विद्यमान है, लेकिन इसका उद्देश्य कमजोर का आर्थिक शोषण करना नहीं अपितु “सर्वे भवन्तु सुखिन:” का भाव है। उन्होंने नयी पीढ़ी को वैदिक ज्ञान और भारतीय संस्कृति की जानकारी देने पर बल दिया।दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए श्री भैरों सिंह शेखावत।साथ में हैं श्री कुप्.सी.सुदर्शन एवं श्री बबुआ जीश्री कुप्.सी.सुदर्शन ने बाबा साहब को नींव का वह पत्थर बताया, जिनके अथक प्रयासों के कारण आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चार पीढ़ियों का सफर तय कर पांचवीं पीढ़ी के प्रवेशद्वार पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि संघ का आज जो प्रसार हुआ है, वह किसी नकारात्मक आधार पर संभव ही नहीं था। इसलिए संघ को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत करना उसके प्रति अन्याय ही है। बाबा साहेब आपटे वे प्रथम प्रचारक थे जिन्होंने अपने रक्त और स्वेद से उस पौधे को सींचा जिसे डा. हेडगेवार ने लगाया था। वह एक आदर्श प्रचारक थे। उन जैसे प्रचारकों के कारण ही संघ का कार्य बढ़ा है। इस कार्य में वह भारतीय भाषाओं के प्रचार पर बल देते थे। इस संदर्भ को आगे बढ़ाते हुए श्री सुदर्शन ने कहा कि हर भाषा का एक भाव जगत होता है, भारतीय भाषाओं का भाव जगत पश्चिम की भाषाओं के भाव जगत से सर्वथा भिन्न है। भारतीय भाषा का भाव पश्चिम की भाषा में अनूदित नहीं हो सकता, इसलिए अपने देश, अपनी संस्कृति को समझने के लिए आवश्यक है कि अपने बच्चों को अपने भाव जगत से जोड़ें।इतिहास की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने एक षड्यंत्र के अन्तर्गत हमारा गौरवशाली इतिहास हमारी आंखों से ओझल कर दिया और अब जब उसे सुधारने का कार्य शुरू हुआ तो भगवाकरण का शोर मचा दिया गया। भगवा बलिदान, शुचिता का प्रतीक है। यह शोर मचाने वाले माक्र्स और मैकाले पुत्रों में तय कर रखा है कि भारत का गौरवशाली इतिहास लोगों के सामने न आए। बाबा साहब आपटे जन्मशताब्दी समारोह के समापन अवसर पर हमें यह प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि अपने देश का सही इतिहास सामने लाना है, जिससे लोगों में अपने देश के प्रति गौरव का भाव जागे। कल के गौरव से हमने अपने आपको काट रखा है, तो वर्तमान के वैभव और भविष्य के सुनहरे सपनों को कैसे समझेंगे।समारोह में मंच पर हैं (बाएं से) श्री सुदर्शन सरीन, श्री बबुआ जी, श्री कुप्.सी. सुदर्शन,श्री भैरों सिंह शेखावत, श्री सुरेश सोनी, श्री सत्यनारायण बंसल, श्री सुरेश वाजपेयी तथा श्री राजेन्द्र सिंह कुशवाहाबाबा साहब आपटे ने देश की एकता, अखण्डता, स्वतंत्रता और राष्ट्रीयता के बाव को जन-जन में जाग्रत करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया। वे अनेक पुस्तकों के रचयिता प्रेरक वक्ता, कर्मयोगी तथा युगानुकूल मार्गदर्शक थे। श्री आपटे ने भारत के सही इतिहास का जानकारी उपलब्ध कराने, संस्कृत भाषा को पुन: प्रतिष्ठित कराने और प्रेरक ऐतिहासिक स्थलों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए एक योजना बनाई थी, उसी कार्य को गति प्रदान करने के लिए उनके जन्म शताब्दी वर्ष में अनेक कार्यक्रम हुए। इस उद्देश्य से बाबा साहब आपटे स्मारक समिति का गठन किया गया। जिसके तत्वावधान में इतिहास संकलन एवं पुनर्लेखन, सरस्वती नदी शोध एवं प्राचीन वाङ्ंमय में उपलब्ध वैज्ञानिक दृष्टि के आधार पर काल गणना के कार्यकाल रहे हैं। बाबा साहब आपटे स्मारक समिति का एक महत्वपूर्ण प्रकल्प अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के अंतर्गत इतिहास के विभिन्न विषयों पर 300 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। 70 विश्वविद्यालयों में इतिहास संकलन योजना के कार्य चल रहे है।कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार के संघचालक श्री कृष्ण वल्लभ प्रसाद नारायम सिंह उपाख्य बबुआ जी ने की। लगभग दो घंटे चले इस कार्यक्रम का संचालन बाबा साहब आपटे जन्मशताब्दी समारोह समिति के महामंत्री श्री स्वदेशपाल गुप्ता ने किया।40
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