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विकास के सामने ठहराव की ठंडक-देहरादून से रामप्रताप मिश्रमेजर जनरल (से.नि.)भुवनचन्द्र खण्डूड़ीउत्तराञ्चल में चुनावी सरगर्मी तेज हो रही है। राजनीतिक दलों में आपसी उठापटक तथा एक-दूसरे पर छींटाकशी जोर पकड़ती जा रही है। यहां की पांच सीटों पर होने वाले इस चुनावी घमासान के लिए भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी तथा समाजवादी पार्टी सभी ने अपने सभी प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। राज्य के चुनावी परिदृश्य पर यदि नजर डाली जाए तो पता चलता है कि उत्तराञ्चल में हमेशा राष्ट्रीय दलों की ही विजय हुई है। क्षेत्रीय दल तथा अन्य दल अपनी उपस्थिति का आभास ही करा पाए हैं, वे संसद अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं। वर्तमान में चार सीटें भाजपा के पास तथा एक कांग्रेस के पास है।13 जनपदों वाले इस राज्य में पांच संसदीय सीटें-टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, नैनीताल, अल्मोड़ा तथा हरिद्वार- हैं। टिहरी गढ़वाल से मानवेन्द्र शाह, पौड़ी से मेजर जनरल भुवनचन्द्र खण्डूड़ी, अल्मोड़ा से बच्ची सिंह रावत, नैनीताल से कांग्रेस के महेन्द्र पाल तथा हरिद्वार से भाजपा के हरपाल साथी 13वीं लोकसभा में अपने अपने क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। जहां भाजपा के सामने पांचों सीटें जीतने का लक्ष्य है, वहीं कांग्रेस उत्तरांचल में सत्तारूढ़ होने के नाते पांचों सीटों पर अपना दावा कर रही है। वर्तमान में टिहरी गढ़वाल में 12 लाख, 81 हजार, 509 मतदाता हैं, जबकि पौड़ी गढ़वाल में 10 लाख, 66 हजार, 840 मतदाता हैं। इसी प्रकार अल्मोड़ा सीट पर 10 लाख, 9 हजार, 457 मतदाता हैं, जबकि नैनीताल संसदीय सीट पर 12 लाख, 50 हजार, 345 मतदाता हैं। अनुसूचित जाति के प्रत्याशियों के लिए आरक्षित हरिद्वार सीट पर 9 लाख, 9 हजार, 738 मतदाता हैं। प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आगामी 10 मई को होगा। आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो चम्पावत जिले में सबसे कम मतदाता हैं, जिनकी संख्या 1,43,404 है, जबकि हरिद्वार में सबसे अधिक मतदाता हैं।भाजपा ने अपने चार निवर्तमान सांसदों को मैदान में उतारा है, टिहरी से मानवेन्द्र शाह, पौड़ी से केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री मेजर जनरल भुवनचन्द्र खण्डूड़ी, अल्मोड़ा से केन्द्रीय विज्ञान राज्य मंत्री बच्ची सिंह रावत हरिद्वार से सांसद हरपाल साथी व नैनीताल से नए प्रत्याशी विजय बंसल चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने टिहरी से दो बार पराजित हो चुके विजय बहुगुणा को प्रत्याशी बनाया है। इस बार मेजर जनरल खण्डूड़ी की सीट पौड़ी से उनके परम्परागत प्रतिद्वंद्वी सतपाल महाराज चुनाव मैदान में नहीं उतरे हैं। अल्मोड़ा सीट पर उत्तराञ्चल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हरीशरावत ने अपनी पत्नी रेणुका रावत को चुनावी मैदान में उतारा है। इसी प्रकार नैनीताल की प्रतिष्ठापूर्ण सीट पर केसी सिंह बाबा को चुनाव मैदान में उतारा गया है। हरिद्वार संसदीय सीट पर प्रदेश के मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के चहेते तथा उत्तर प्रदेश में उन्हीं के कार्यकाल में पूर्व मंत्री रह चुके दीपक कुमार को चुनाव मैदान में उतारा गया है। दीपक कुमार के विरोध में हरिद्वार के अधिकांश कांग्रेसी सड़कों पर उतर आए हैं।उत्तराखण्ड क्रांति दल ने अपने प्रत्याशी तो चुनाव में उतारे ही हैं, समाजवादी पार्टी ने भी उत्तरांचल में अपने प्रत्याशियों को उतारने की पहल की है। साथ ही बसपा ने टिहरी से याकूब सिद्दीकी, पौड़ी से वीरेन्द्र सेमवाल, अल्मोड़ा से श्यामलाल, नैनीताल से सैय्यद गुलाम हुसैन तथा हरिद्वार से डा. भगवानदास को चुनाव मैदान में उतारा है। डा. भगवानदास पूर्व सांसद रह चुके हैं। इसी प्रकार राष्ट्रीय जनता दल के प्रतिनिधि के रूप में उत्तराञ्चल में राजद प्रदेश अध्यक्ष इस्लामुद्दीन अंसारी ने उत्तराञ्चल में एक सीट लड़ने की घोषणा की है। वामपंथी दलों की ओर से विजय रावत पौड़ी संसदीय सीट से लोकसभा के प्रत्याशी हैं, जिनको उत्तराखण्ड क्रांति दल का भी समर्थन मिल रहा है।इस बार भी उत्तराञ्चल में भाजपा और कांग्रेस के ही प्रत्याशियों को विजय मिलती दिखती है। जनता किसे चुनती है यह तो 10 मई के मतदान के बाद ही पता चलेगा पर चुनावी ऊंट यहां दो मुख्य दलों के बीच ही करवट लेता दिख रहा है।7
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