सम्पादकीय
July 16, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

सम्पादकीय

by
Jan 8, 2004, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 08 Jan 2004 00:00:00

गुणैरुत्तमतां याति, नोच्चैरासन-संस्थित:प्रासादशिखरस्थोऽपि, काक: किं गरुडायतेमनुष्य गुणों से उत्तम बनता है, न कि ऊंचे आसन पर बैठा हुआ उत्तम होता है। जैसे ऊंचे महल के शिखर पर बैठ कर भी कौआ-कौआ ही रहता है, गरुड़ नहीं बनता।-चाणक्यनीतिउस विश्वासघात की बरसी23जुलाई को एक ऐसे दिन की याद की जानी चाहिए जब अंग्रेजों ने एक दुरभिसंधि के तहत भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से विश्वासघात करने वाली कम्युनिस्ट पार्टी पर लगा प्रतिबंध हटा लिया था और 23 अप्रैल, 1942 को मुम्बई के गवर्नर सर रोजर ल्युमली को कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा दिया गया प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया। यह प्रस्ताव था कि अगर ब्रिटिश सरकार कम्युनिस्ट नेताओं ई.एम.एस. नम्बूदिरीपाद, पी.सी.जोशी, जी.अधिकारी, पी.सुंदरैया, सोमनाथ लाहिड़ी और डी.एस.वैद्य के विरुद्व जारी गिरफ्तारी के वारंट वापस ले लेती है तो पार्टी कांग्रेस के भारत छोड़ो आंदोलन की सफलता में बाधा पहुंचाने के लिए लोगों का ध्यान ज्यादा से ज्यादा इस बात में लगाएगी कि वे मिलों में उत्पादन बढ़ाएं तथा बाकी सब बातों से खुद को दूर रखें।उल्लेखनीय है कि 6 से 14 जुलाई, 1942 के मध्य वर्धा में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में 9 अगस्त से भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव उभर कर आया, जिसके बाद देशभर में महात्मा गांधी तथा उनके अनुयायियों पर सरकारी दमन चक्र शुरू हुआ। और फिर पूरे देश में उपद्रव शुरू हो जाते हैं। लेकिन दूसरी तरफ कम्युनिस्ट नेताओं के विरुद्ध जारी वारंट रद्द कर दिए जाते हैं। कम्युनिस्ट पार्टी को वैधता प्रदान की जाती है और इसके प्रकाशनों पर लगा प्रतिबंध 23 जुलाई, 1942 को हटा लिया जाता है। अंग्रेजों के साथ कम्युनिस्टों की इस मिलीभगत को नई दिल्ली के राष्ट्रीय अभिलेखागार में निम्नलिखित तीन विषयों से संबंधित फाइलों को देखकर पहचाना जा सकता है। 1- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत) द्वारा अंग्रेज सरकार को मदद की गुप्त पेशकश। 2- वायसराय की परिषद् के गृह सदस्य सर रेजिनाल्ड मेक्सवेल और अन्य ब्रिटिश गुप्तचर अधिकारियों के साथ कम्युनिस्ट नेताओं की गुप्त बैठकें। 3- कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा ब्रिटिश सरकार के पास जमा गुप्त प्रगति-विवरण, जिसमें बताया गया कि 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन को तोड़ने के लिए कम्युनिस्ट पार्टी ने कितना शानदार काम किया। यह प्रगति-विवरण भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव पी.सी.जोशी द्वारा 15 मार्च , 1943 को सर मैक्सवेल को भेजा गया था। उसके साथ एक पत्र नत्थी किया गया था। उस पत्र में सर रेजिनाल्ड मैक्सवेल को “डियर सर” कहकर सम्बोधित किया गया था। उसमें निम्नलिखित तीन बिन्दु लिखे गए थे-1. हमारा काम और प्रचार इतना प्रभावी हुआ कि कांग्रेस, समाजवादी और फारवर्ड ब्लाक के तत्व देशभर में पर्चे बांटकर कह रहे हैं कि उनकी लड़ाई के असफल होने की वजह कम्युनिस्टों की गद्दारी है। 2. हमने विद्रोह को संस्थागत तथा व्यावहारिक रूप से हर स्तर पर लड़ा, चाहे वह दिग्भ्रमित देशभक्तों द्वारा आयोजित किया गया था अथवा पंचमांगियों द्वारा। 3. जब देश के सबसे बड़े राजनीतिक संगठन ने देश में हड़ताल की मांग की तब भी हमने उत्पादन बंद नहीं होने दिया। रेलवे में काम करने वाले हमारे कामरेडों ने लगातार मेहनत करते हुए अपने लाल झण्डे की स्थिति समझाई और काम को रुकने नहीं दिया।इसी प्रगति-विवरण में केरल से निकलने वाले कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र देशाभिमानी के योगदान का भी जिक्र किया गया और कहा गया, “देशाभिमानी ही ऐसा पत्र है जो हफ्ते दर हफ्ते देशभक्तों से विद्रोह और सत्याग्रह की नीति छोड़ने की अपील करता है।.. वास्तव में पुलिस के अंधे दमन की वजह से नहीं, बल्कि हमारे राजनीतिक अभियान की वजह से केरल में नागरिक अवज्ञा आन्दोलन असफल हुआ।” कम्युनिस्टों द्वारा राष्ट्रीयता के हर आंदोलन और अभियान को किस प्रकार असफल किया गया, यह एक राष्ट्रीय शर्म का विषय है। यही सब बातें 23 जुलाई की याद से बंधी हैं और विडम्बना है कि वही विचारधारा अब पुन: देश के शासन को प्रभावित करने की स्थिति में आ पहुंची है।आज कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार उन कम्युनिस्टों और मुस्लिम लीगियों पर टिकी है, जिन्होंने स्वतंत्रता आन्दोलन को असफल करने का हरसंभव प्रयास किया, देश का विभाजन कराया और अंग्रेजों से मिलीभगत की। एक वह कांग्रेस थी, एक यह है जहां पीछे से सत्ता संभालने वाले “संत” कहलाते हैं। यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि उस समय कम्युनिस्ट कांग्रेसियों व अन्य स्वातंत्र्य सेनानियों के लिए जो भाषा इस्तेमाल करते थे, ठीक वही भाषा वे आज भारत की राष्ट्रीयता के लिए संघर्षरत हिन्दुत्व विचार-परिवार के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।7

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

छत्रपति शिवाजी महाराज

रायगढ़ का किला, छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदवी स्वराज्य

शुभांशु की ऐतिहासिक यात्रा और भारत की अंतरिक्ष रणनीति का नया युग : ‘स्पेस लीडर’ बनने की दिशा में अग्रसर भारत

सीएम धामी का पर्यटन से रोजगार पर फोकस, कहा- ‘मुझे पर्यटन में रोजगार की बढ़ती संख्या चाहिए’

बांग्लादेश से घुसपैठ : धुबरी रहा घुसपैठियों की पसंद, कांग्रेस ने दिया राजनीतिक संरक्षण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies