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गुलबर्गा (कर्नाटक) में अन्नपूर्णा केन्द्र के नाम से एक भोजनालय है। इसकी विशेषता यह है कि यहां मात्र एक रुपए में रोटी-सब्जी की एक थाली मिलती है। यहां केवल उन लोगों को भोजन मिलता है, जो गरीब हैं, मजदूर हैं। इनमें गांवों से गुलबर्गा आकर पढ़ने वाले विद्यार्थी हैं, रोगोपचार के लिए आए रोगी या उनके सहयोगी हैं या किसी मुकदमे के सिलसिले में गुलबर्गा आया कोई ग्रामीण है। केन्द्र में ही बैठकर भोजन करना होता है। केवल रोगियों के लिए केन्द्र से बाहर खाना ले जाने की अनुमति है। छुट्टियों और पर्वों में भी यह भोजनालय खुला रहता है। विभिन्न पर्वों के अवसर पर यहां भोजन के साथ बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के एक पकवान भी दिया जाता है। यह भोजनालय प्रतिदिन प्रात: 11 से 2 बजे तक और सायं 6 से 8 बजे तक खुला रहता है। 26 जून, 2002 से शुरू हुए इस भोजनालय में प्रतिदिन लगभग 400 लोग भोजन करते हैं। भोजनालय का संचालन स्थानीय व्यावसायिक प्रतिष्ठान गीता समूह की आर्थिक सहायता से कर्नाटक हिन्दी प्रचार सभा सेवा समिति के सेवाभावी कार्यकर्ता करते हैं। गीता समूह के प्रमुख श्री शंकरलाल गिल्डा, श्री लक्ष्मीनिवास तापड़िया एवं हिन्दी सभा के अध्यक्ष श्री विद्याधर गुरुजी के अथक प्रयास का फल है यह भोजनालय। यहां पर्ची-व्यवस्था भी है। 1 रुपए की एक पर्ची है और 100 पर्चियों का एक बण्डल होता है। दानी लोग इन पर्चियों को खरीदकर जरूरतमंदों और भिक्षा मांगने वालों को भोजन कराते हैं। सेवा करने के लिए भी भोजनालय में अनेक लोग आते हैं। भोजनालय की देखरेख श्रीमती वासंती गुरुजी करती हैं। प्रबंधन का दायित्व श्री वी.के. तिवारी निभा रहे हैं।सम्पर्क पता-कर्नाटक हिन्दी प्रचार सभासेडम् रोड, जगत, गुलबर्गा (कर्नाटक) द प्रतिनिधि11
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