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जिहाद से लड़ने में राजनीतिक नेतृत्व विफलहम हिन्दू मुकाबला करेंमुम्बई बम विस्फोटों को जिहादी आतंकवाद का नतीजा बताते हुए विश्व हिन्दू परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष श्री अशोक सिंहल और महामंत्री डा. प्रवीण भाई तोगड़िया ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया। यहां हम उसी वक्तव्य का संपादित स्वरूप प्रकाशित कर रहे हैं-मुंबई बम विस्फोट जिहादी आतंकवाद का नतीजा है। देश के मुस्लिमपरस्त नेताओं ने मुसलमान वोटों के लालच में देश की सुरक्षा तक को दांव पर लगा दिया है। ये लोग जिहाद के खतरे से परिचित होते हुए भी आंखें मूंदे बैठे हैं।मदरसों, तब्लीग जमात, अहले हदीस, दारूल उलूम देवबंद जैसी संस्थाओं ने पिछले बीस वर्षों में देश को दारूल इस्लाम बनाने की तैयारी पूर्ण कर ली है। जिहादियों और ऐसी संस्थाओं के खतरों की तरफ से देश के सभी राजनीतिक दलों ने आंखें मूंद रखी थीं और आज जब यह खतरा सर पर मंडरा रहा है तो किसी भी राजनीतिक नेतृत्व में इन जिहादियों से टक्कर लेने की इच्छाशक्ति नहीं है। यदि जिहादी अमरीका के सबसे बड़े अर्थतंत्र वि·श्व व्यापार केन्द्र को मिनटों में तबाह कर सकते हैं तो भारत की अर्थव्यवस्था को तबाह करने में उन्हें कितना समय लगेगा?पिछले बीस वर्ष में इन्हीं जिहादी ताकतों ने कश्मीर को कब्रिस्तान बना दिया है फिर भी किसी राजनीतिक नेतृत्व में इन जिहादियों से टक्कर लेने की ताकत नहीं दिखाई पड़ती।जिहादी आतंकवाद से लड़ने में राजनीतिक नेतृत्व की विफलता और मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति के आगे उनकी विवशता को देखते हुए विश्व हिन्दू परिषद् संपूर्ण हिन्दू समाज का आह्वान करती है कि वे जिहादी आतंकवाद से लड़ने के लिए खुद कमर कस लें और हरसंभव लोकतांत्रिक तरीकों का इस्तेमाल करके देश को सुरक्षित करने की जिम्मेवारी अपने ऊपर लें। पिछले 53 वर्षों में भारत ने जो अर्थव्यवस्था अपने परिश्रम से खड़ी की है जिहादी उसे नेस्तनाबूद कर देना चाहते हैं। मुस्लिम राजनीति कर रहे देश के राजनीतिक दल जिहादी आतंकवाद के मूल में छिपी समस्या को नजरअंदाज कर रहे हैं।वि·श्व हिन्दू परिषद् मुम्बई बम विस्फोट में मारे गए परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट करती है और घायलों की उचित देखभाल की मांग राज्य सरकार से करती है।17
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