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प्रकृति-2003
विकास के नाम पर प्रकृति से सहज, सरल उपलब्ध संसाधनों का अंधाधुंध दोहन और शोषण किया जा रहा है। इसके दुष्परिणाम सामने हैं पर चेतना के अभाव में इन्हें अनदेखा किए जाने की प्रवृत्ति बन गई है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए आगामी 11 से 13 अक्तूबर तक नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) में प्रकृति-2003 नामक सम्मेलन और प्रदर्शनी का वृहत् आयोजन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी वर्ष 2004 को प्रकृति वर्ष के रूप में मनाने का निश्चय किया है।
यह आयोजन पूसा संस्थान और राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला के संयुक्त तत्वावधान और विज्ञान भारती के मार्गदर्शन में होने जा रहा है। इसमें चर्चा के प्रमुख विषय होंगे- पंचगव्य एवं अर्थव्यवस्था, जैविक कृषि, जल प्रबंधन, वन सम्पदा एवं औषधीय पौधों की खेती, पर्यावरण एवं ऊर्जा, ग्रामीण तकनीक व ग्राम उद्योग, ग्राम विकास तथा विपणन। अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें- डा. वीरेन्द्र कुमार विजय, आई.आई.टी., हौज खास, नई दिल्ली-110016,
दूरभाष : 26596351, 9811436226 दप्रतिनिधि
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