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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक
कौशल किशोर जी का अवसान
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री कौशल किशोर का लम्बी बीमारी के बाद गत 27 अगस्त को लखनऊ स्थित बलरामपुर अस्पताल में निधन हो गया।
श्री कौशल किशोर बाल्यकाल से ही संघ के निष्ठावान स्वयंसेवक थे। अध्ययन पूर्ण करने के उपरान्त वे 1947 में संघ के प्रचारक बने। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में जिला व विभाग प्रचारक के रूप में उन्होंने संघ कार्य का विस्तार किया। कुछ वर्षों तक वे प्रदेश की राजनीतिक गतिविधियों से भी संबंधित रहे। 1971-72 में प्रदेश जनसंघ में संगठन मंत्री का दायित्व उन्हें दिया गया। आपातकाल के उपरान्त जब जनता पार्टी का गठन हुआ तो उन्हें पार्टी की उ.प्र. इकाई का महामंत्री बनाया गया। किन्तु जनता पार्टी के विघटित होने पर वे पुन: संघ के सक्रिय कार्यकर्ता बन गए तथा उन्होंने दिल्ली और हरियाणा प्रान्त के प्रान्त प्रचारक का महत्वपूर्ण दायित्व संभाला। तदुपरान्त उनकी प्रतिभा, योग्यता और कार्यक्षमता को देखकर उन्हें क्रमश: अखिल भारतीय सहबौद्धिक प्रमुख और अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख का दायित्व भी सौंपा गया। वर्षों के कठोर परिश्रम ने उनके शरीर को क्षीण कर दिया था। गत कुछ समय से वे रायबरेली में अपने आवास पर स्वास्थ्य लाभ कर रहे थे। पिछले दिनों अस्वस्थता बढ़ जाने के कारण उन्हें लखनऊ स्थित बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन स्वास्थ्य में कोई सुधार न हो सका। आखिर 27 अगस्त की दोपहर 1.15 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। 28 अगस्त को डालमऊ, रायबरेली में गंगातट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
राष्ट्र सेवा को समर्पित उनका शरीर आज हमारे बीच नहीं रहा, परन्तु उनकी प्रेरणा की दिव्य-ज्योति राष्ट्र सेवा के मार्ग को प्रकाशित करती रहेगी। पाञ्चजन्य परिवार दिवंगत आत्मा के प्रति अपनी श्रद्धाञ्जलि व्यक्त करता है।
बहुत बिखेरी उस पुष्प ने अपनी सुगंध
-कुप्. सी.सुदर्शन, सरसंघचालक, रा.स्व.संघ
श्रीयुत् कौशल किशोर जी हम सबको छोड़कर चले गए। सन् 1947 में यौवन की गंध से परिपूर्ण जो जीवनपुष्प भारतमाता के चरणों में समर्पित हुआ था, वह निर्माल्य बन गया। बहुत बिखेरी उस पुष्प ने अपनी सुगंध। पहले उ.प्र. के पूर्वी क्षेत्र में क्रमश: जिला, विभाग एवं संभाग प्रचारक के नाते, फिर जनसंघ के संगठनमंत्री के नाते और फिर दिल्ली, हरियाणा में प्रान्त प्रचारक के नाते सारे भारत में उनकी सुगंध ने अनेक कार्यकर्ताओं को अनुप्राणित व संप्रेरित किया। वयोवृद्धि के साथ शारीरिक क्षमता का क्षीण होना स्वाभाविक है, किन्तु मन कार्य करने के लिए छटपटाता रहता था। उस पूर्णकाम व कृतार्थ जीवन को मेरी विनम्र श्रद्धाञ्जलि।
उनके बिना खालीपन रहेगा
-हो.वे.शेषाद्रि, अ.भा. प्रचारक प्रमुख, रा.स्व.संघ
प्रिय मित्र श्री कौशल किशोर जी के निधन से हम जैसे उनके अत्यन्त निकट के संघ-सहयोगियों के मन में वेदनापूर्ण खालीपन रहेगा। उनकी काफी लम्बी कष्टदायक बीमारी के दौरान भी हम उनके साथ गहरी आत्मीयता का अनुभव करते थे। प्रभावी वक्ता एवम् कुशल सम्भाषणकर्ता के रूप में कौशल जी का मीठा सा स्मरण हम सभी के मन में सदा बना रहेगा।
अपने यौवनकाल से लेकर आजीवन संघ के प्रचारक के नाते कार्यरत रहे श्री कौशल जी की जीवात्मा उत्तमोत्तम सद्गति प्राप्त करे और उनके देहावसान से दु:खतप्त उनके परिवार के प्रियजनों को भगवान शान्ति प्रदान करें, ऐसी भगवान से प्रार्थना करता हूं।
दिवंगत श्री कौशल जी की पुण्यस्मृति में मेरी अश्रुपूर्ण श्रद्धाञ्जलि।
एक देदीप्यमान विभूति
-मदनदास, सहसरकार्यवाह, रा.स्व.संघ
श्रीकौशल किशोर जी दीर्घ अस्वस्थता के बाद अब नहीं रहे, यह सूचना मिली। मन को बहुत पीड़ा हुई। उन्होंने अपना जीवन तरुण अवस्था से ही संघकार्य के माध्यम से समाज व देश को समर्पित कर दिया था। उन्होंने पुन: पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने संघ के अ.भा.सह बौद्धिक प्रमुख व अ.भा. सम्पर्क प्रमुख के दायित्वों को श्रेष्ठता व कुशलतापूर्वक निभाया। बीच में कुछ समय वे जनसंघ के उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री भी रहे थे, किन्तु उन्हें राजनीति रास नहीं आयी और पुन: संघकार्य में ही पूर्ववत् सक्रिय हो गए। वे अनेक कार्यकर्ताओं के प्रेरणा स्रोत बने। अपने जीवन को राष्ट्र को समर्पित कर आजीवन कार्य करने वाले अनेक साथियों में वे एक देदीप्यमान विभूति थे। उनकी दिवंगत आत्मा को सद्गति एवं उनके परिवार व हजारों स्वयंसेवक बंधुओं को शोक से शांति मिले-प्रभु से यह सविनय प्रार्थना है। उनको मेरा शत्-शत् प्रणाम।
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