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हिम्मत है तो विचारों की लड़ाई लड़ो,
कायर की तरह छुरे घोंपकर क्यों लड़ते हो?
भारतीय जनता पार्टी के महासचिव श्री वेंकैया नायडू ने केरल के राज्य सचिवालय के सामने माकपाइयों को चुनौती देते हुए कहा कि वह वैचारिक धरातल पर भाजपा का सामना करे, न कि हथियारों ले लैस होकर। श्री नायडू हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा सचिवालय के घेराव व प्रदर्शन में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को सत्तारुढ़ माकपा की हिंसात्मक गतिविधियों का विरोध करने के लिए एकजुट हो जाना चाहिए। श्री नायडू ने माकपा को हिंसा के बल पर अपने राजनीतिक विरोधियों से वैमनस्य रखने से बाज आने की भी सलाह दी। उल्लेखनीय है कि यह घेराव व प्रदर्शन भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री के.टी. जयकृष्णन की माकपाइयों द्वारा हत्या के विरोध में आयोजित किया गया था। वहां उपस्थित कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए भाजपा महासचिव श्री नायडू ने कहा माकपा इस तथ्य से विचलित है कि लाल दुर्ग अब ढह रहा है और हर ओर भगवा लहर चल रही है। वह वैचारिक धरातल पर भाजपा का सामना नहीं कर पा रही है। और इसीलिए अब वह राज्य में घिनौनी हरकतों पर उतर आई है। परन्तु खून खराबे से वामपंथी अधिक दिन नहीं चल पाएंगे।
उन्होंने बताया कि भाजपा की केन्द्रीय समिति ने कण्णूर की घटनाओं पर गम्भीरतापूर्वक विचार किया है। पार्टी का नेतृत्व अपने कार्यकर्ताओं पर हो रहे कट्टरवादी आघातों के प्रति सचेत है। श्री नायडू ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वामपंथ के अंतिम गढ़ केरल, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल-इतिहास के गर्त में समा जाने वाले हैं। एक असफल राजनीतिक विचारधारा सिद्ध हो चुके वामपंथ की आज कोई प्रासंगिकता नहीं रह गई है। यहां तक कि वाम लोकतांत्रिक मोर्चे के सहयोगी दल भी माकपा के अलोकतांत्रिक व्यवहार से खिन्न हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि उनकी माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य एस. रामचन्द्रन पिल्लै और माकपा नेता जे. चित्तरंजन से कण्णूर में हुई हिंसा पर वार्ता हुई थी, जिसमें यह निष्कर्ष निकला कि यदि हिंसा पर तुरन्त काबू नहीं किया गया तो परिस्थिति विस्फोटक हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार राज्य सरकार पर निगरानी रखे हुए है कि वह शांति प्रयासों को लागू कर भी रही है अथवा नहीं। उनके अनुसार कण्णूर में हुई हिंसा का एक मुख्य कारण माकपा से भाजपा की ओर हो रहा राजनीतिक बदलाव भी है। राजनीतिक विरोधियों पर हर उस राज्य में ही हमले किए जा रहे हैं जहां माकपा की सरकारें हैं। उन्होंने माकपा को चुनौती देते हुए कहा कि यदि हिम्मत है तो वह वैचारिक धरातल पर भाजपा का सामना करे।
द प्रतिनिधि
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