बांग्लादेश की राजधानी ढाका में कल हुई विमान दुर्घटना ने उस देश को ही नहीं, पूरे दक्षिण एशिया में दुख की लहर दौड़ा दी। इस हादसे में बांग्लादेश वायुसेना का एक प्रशिक्षण विमान—चीन निर्मित एफ-7 बीजीआई—रिहायशी इलाके में मिलस्टोन स्कूल और कॉलेज की इमारत से टकरा गया था। इसमें कम से कम 27 लोगों की मौत हुई है और 171 से अधिक आमजन घायल हुए हैं। मरने वालों अधिकांशत: छात्र थे। इस त्रासदी पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है और पड़ोसी देश को इस दुखद घड़ी में हरसंभव सहायता देने की बात कही है।
बांग्लादेश में हुई यह विमान दुर्घटना केवल एक तकनीकी विफलता नहीं, बल्कि एक गहरी मानवीय त्रासदी है। स्कूल में पढ़ रहे छात्रों की जान जाने से वहां का पूरा समाज गहरे शोक में डूबा है। इस पर दुख व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा—”ढाका में हुए दुखद विमान हादसे में कई युवाओं की जान चली गई। हम शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। इस दुखद घड़ी में भारत बांग्लादेश के साथ मजबूती से खड़ा है और हर संभव सहायता देने को तैयार है।”
मोदी का यह संदेश न केवल संवेदना का प्रतीक है, बल्कि एक पड़ोसी देश के प्रति भारत सरकार की शुरू से रहे मानवीय सहयोग के भाव को भी दर्शाता है। कूटनीतिक स्तर पर भारत और बांग्लादेश के संबंध वर्तमान में कैसे ही हों, लेकिन मानवीय त्रासदी के वक्त भारत सरकार चुभने वाली हर तरह की बात को भुलाकर हर एक देश की सहायता करता आ रहा है। कोविड या अन्य आपदाओं के काल में भारत का यह व्यवहार पूरी दुनिया में सराहा गया है। इसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी की संपूर्ण मानवता के प्रति करुणा की दृष्टि ही है।
Deeply shocked and saddened at the loss of lives, many of them young students, in a tragic air crash in Dhaka. Our hearts go out to the bereaved families. We pray for the swift recovery of those injured. India stands in solidarity with Bangladesh and is ready to extend all…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 21, 2025
भारत और बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंध रहे हैं। कूटनीति के विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे समय में भारत की सहयोग देने की तत्परता इन संबंधों में आई सलवटें दूर करने का माध्यम बन सकती है। मोदी का बयान एक कूटनीतिक संकेत है कि भारत न केवल एक पड़ोसी है, बल्कि एक जिम्मेदार क्षेत्रीय शक्ति भी है जो संकट के समय सबके सहयोग के लिए तत्पर रहती है।
मोदी की यह प्रतिक्रिया बांग्लादेश की जनता के बीच भारत की सकारात्मक छवि को और पुूख्ता कर रही है, विशेषकर तब जब वहां की अंतरिम सरकार इस हादसे से जूझ रही है।
बताया जा रहा है कि यह विमान हादसा एक प्रशिक्षण उड़ान के दौरान हुआ, जिसमें तकनीकी खराबी के कारण विमान पायलट के नियंत्रण से बाहर हो गया। पायलट ने अंतिम क्षणों में विमान को घनी आबादी से दूर ले जाने की कोशिश की, लेकिन वह स्कूल की इमारत से टकरा गया। भविष्य में ऐसे हादसे न हों इसके लिए बांग्लादेश के विशेषज्ञों ने वायुसेना प्रशिक्षण ढांचे की समीक्षा करने की जरूरत पर बल दिया है।
भारत की ओर से “हर संभव सहायता” की पेशकश करना केवल एक औपचारिकता भर नहीं है, बल्कि यह हमारी क्षेत्रीय सहयोग की भावना को दर्शाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के पास आपदा प्रबंधन, चिकित्सा सहायता और तकनीकी विशेषज्ञता है, जो बांग्लादेश को राहत कार्यों में मदद कर सकती है। यह सहयोग सार्क जैसे क्षेत्रीय मंचों को फिर से सक्रिय करने की दिशा में मददगार हो सकता है।
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