शरिया और इस्लाम के नाम पर ईरान के एक शिया मौलाना नासेर मकारेम शिराजी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को डराने की कोशिश की है। इस्लामिक मौलवी ने एक विवादास्पद फतवा जारी किया है, जिसमें उसने इन दोनों ही लीडर्स को अल्लाह का दुश्मन करार दिया है।
न्यूयॉर्क सन की रिपोर्ट के हवाले से आज तक ने लिखा कि शिया धर्मगुरू नासेर मकारेम शिराजी ने अमेरिका और इजरायल के खिलाफ दुनिया से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने अपने फतवे में चेतावनी दी कि अगर कोई भी सरकार या वैश्विक इस्लामिक समुदाय के खिलाफ साजिश रचेगा तो उसे माकूल जबाव दिया जाएगा। इसे अल्लाह की तौहीन माना जाएगा और इसे अल्लाह के खिलाफ युद्ध माना जाएगा।
इस्लामिक कानून के तहत सजा की धमकी
मकारेम शिराजी का कहना है कि दुनिया भर के मुस्लिमों को ये पहचानने की जरूरत है कि अल्लाह के दुश्मनों को पहचानें और पूरी ताकत के साथ बदला लें। फतवे में मकारेमी ने अपने फतवे में कहा है कि ईरान के सुप्रीम लीडर की हत्या की योजना बनाने वालों को हम इस्लामिक कानून के तहत सजा देंगे।
गौरतलब है कि हाल ही में ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए इजरायल ने उसके परमाणु ठिकानों पर हमला किया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ गया। 12 दिन तक चले युद्ध के बाद सीजफायर हुआ है। लेकिन, ईरान ने दावा किया है कि इजरायल एक सप्ताह के भीतर फिर से हमले करने वाला है।
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तेहरान विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान डिपार्टमेंट के एचओडी इब्राहिम मोत्ताकी ने एक टीवी कार्यक्रम पर बोलते हुए इस बात का दावा किया है। मोत्ताकी का कहना है कि हमारे पास जो सबूत उपलब्ध हैं, उसके मुताबिक, इजरायल अमेरिकी मदद के साथ एक सप्ताह के अंदर ही ईरान पर बहुत ही भयानक और विनाशकारी हमला करने जा रहा है।
मोत्ताकी ने दावा किया है कि ईरान के साथ 12 दिनों तक चले युद्ध के बाद युद्धविराम किया जाना एक चाल है। इस युद्धविराम का इस्तेमाल करके अमेरिका और इजरायल एक बार फिर से संगठित होना चाहते हैं। मोत्ताकी ने ईरानी अधिकारियों से युद्ध विराम को बहुत गंभीरता से नहीं लेने का आह्वान करते हुए चेताया कि इजरायली हमलों का लक्ष्य इस बार भी ईरानी अधिकारी ही होंगे।
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