बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली इस्लामिक सरकार के संरक्षण में कट्टरपंथी पूरी तरह से बेखौफ हैं। वे लगातार हिन्दुओं को निशाना बना रहे हैं। हालात ये हो गए हैं, जब भी इस्लामी कट्टरपंथियों का मन होता है वे हिन्दुओं पर हमला करते हैं, उनके घरों को लूटते हैं, आग लगा देते हैं, हिन्दू बहन बेटियों को हवस का शिकार बनाते हैं। कुछ मामलों में पुलिस कार्रवाई तो करती है, लेकिन फिर बाद में जमानत पर ये अपराधी बाहर आ जाते हैं और फिर से वही काम शुरू कर देते हैं। ऐसे ही एक अन्य मामले में एक मुस्लिम अपराधी शकील मियां ने प्रांतो तालुकदार नाम ते हिन्दू व्यक्ति की चाकू से घोंपकर हत्या कर दी।
एक्स हैंडल ‘वॉयस ऑफ बांग्लादेशी हिन्दू’ की रिपोर्ट के अनुसार, असल में ये विवाद मौजूदा वक्त में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे सीमा तनाव को लेकर शुरू हुआ था। हिन्दू युवक प्रांतो ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई का समर्थन किया था। लेकिन शकील मियां को ये अच्छा नहीं लगा। इसी को लेकर दोनों के बीच विवाद होता है औऱ गुस्से मे शकील चाकू निकालता है और प्रांतो को गोद देता है। चाकू लगने के बाद प्रांतो की मौत हो गई।
हत्या को अलग ही रंग दे रहा बांग्लादेशी मीडिया
हैंडल की रिपोर्ट के अनुसार, वैसे तो ये मामला भारत और पाकिस्तान से जुड़े विवाद को लेकर था, लेकिन बांग्लादेश की मीडिया इसे नॉर्मलाइज करने की कोशिशें कर रही है। कहा जा रहा है कि बांग्लादेश की स्थानीय मीडिया इसे चनाचूर (एक प्रकार का स्थानीय व्यंजन) में तीखेपन को लेकर विवाद बता रही है। स्थानीय मीडिया का कहना है कि तीखेपन को लेकर हुए विवाद के कारण गुस्से में शकील ने ऐसा कर दिया। लेकिन, बांग्लादेशी मीडिया के दावे हजम होने लायक नहीं है कि खाने को लेकर कोई किसी की हत्या क्यों करेगा?
बहरहाल, इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। इसी क्रम में शून्य नाम के यूजर ने अपना आक्रोश दिखाते हुए पोस्ट किया कि इस्लाम के नाम पर फिर एक मुस्लिम आतंकी ने एक निर्दोष हिन्दू की हत्या कर दी।
डार्क ओरियन नाम के यूजर ने इस्लामी कट्टरपंथ से निपटने के लिए हिन्दुओं को एकजुट होकर अपने ही अधिकारों के लिए लड़ने की सलाह दी। यूजर ने कहा, “मैंने एक बार कहा था, मैं इसे फिर से कहूंगा, एकजुट हो जाओ, हथियार उठाओ, ब्लेड उठाओ, उनसे लड़ो, उन्हें मार डालो, या वे तुम्हें मार देंगे, आपकी सरकार मदद नहीं करेगी, आपकी न्यायपालिका मदद नहीं करेगी, बाहर जाओ अपने गांव, अपने पड़ोसियों को इकट्ठा करो।”
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