वक्फ कानून-2025 पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर वक्फ को लेकर बनी जेपीसी के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने लखनऊ में कहा कि वक्फ एक्ट देश का कानून बन चुका है। कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर कर इसे असंवैधानिक करार दिया है और इसे अपनी धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करार दिया है।
वक्फ बोर्ड धार्मिक नहीं
जगदंबिका पाल ने वक्फ बिल को धर्म का मामला बताने वाले लोगों को कड़ा जबाव दिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग ये कह रहे हैं कि वक्फ संशोधन उनकी धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करता है तो वो ये जान लें कि वक्फ कानून केवल वक्फ के जमीनों पर लागू होता है। उसकी देखभाल करता है। हर बार जब भी वे सुप्रीम कोर्ट जाते हैं तो उन्हें स्पष्ट कर दिया जाता है कि ये वैधानिक संस्था है न कि धार्मिक संस्था। इसका पूर्वव्यापी प्रभाव खत्म हो चुका है और अब ये संशोधन भविष्य को लेकर है।
विरोध के जरिए देश को गुमराह करने की कोशिश
भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि वक्फ कानून के विरोध के नाम पर विपक्ष सियासी रोटी सेंक रहा है और देश को गुमराह करने की कोशिश है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कानून के खिलाफ 73 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं। इस मामले में शीर्ष अदालत ने दोनों ही पक्षों को पांच-पांच वकीलों की नियुक्ति के लिए कहा है। ये देश का कानून है औऱ ये गरीब पसमांदा मुसलमानों के हक में है।
असंवैधानिक हुई हमारी रिपोर्ट तो देंगे इस्तीफा
इसके साथ भी भाजपा नेता ने दावा किया कि ये लोग जो दावे कर रहे हैं कि वक्फ पर बनी मेरी रिपोर्ट असंवैधानिक है। अगर ऐसा होता है तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा।
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