केरल के कन्नूर जिले की पोक्सो कोर्ट ने एक मदरसा मौलवी मोहम्मद रफी को 187 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 41 वर्षीय रफी को यह सजा एक 13 साल की नाबालिग बच्ची के साथ बार-बार रेप और उसके यौन शोषण के जघन्य अपराध को लेकर सुनाई है। मौलवी मोहम्मद रफी ने मासूम बच्ची जो उसके मदरसे में पढने आती थी, उसका ना सिर्फ बार बार यौन शोषण किया बल्कि उसका रेप कर शिक्षक और छात्रा वाले रिश्ते को भी कलंकित किया।
कैसे हुआ खुलासा..?
इस घटना का खुलासा तब हुआ जबी बच्ची मदरसे से घर आने के गुमसुम रहने लगी उसका ध्यान पढाई पर जाता ही नहीं था, माता पिता को उसके व्यवहार और शारीरिक बनावट में बदलाव दिखा तो वह चिंतित हो उठे. जिसके बाद वह बच्ची को काउंसलर के पास ले गए, जहां बच्ची ने मौलवी द्वारा किए गए रेप और यौन शोषण की घटनाओं का खुलासा किया।
पोक्सो एक्ट के तहत सुनाई सजा
घटना की जानकारी के बाद बच्ची के माता-पिता ने मौलवी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई तब जाकर पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ। जिसकी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रफी को दोषी पाया और कठोर सजा सुनाई। कोर्ट ने पोक्सो एक्ट की धारा 5(टी) के तहत 5 साल की सजा और 5 लाख रुपये का जुर्माना, धारा 5(एफ) के तहत भरोसा तोड़ने के लिए 35 साल की कैद और 1 लाख का जुर्माना, बार-बार यौन शोषण के लिए 35 साल की सजा, ओरल सेक्स के लिए 20 साल की कैद और 50 लाख का जुर्माना, और आईपीसी की धारा 376 के तहत रेप के लिए 25 साल की सजा व 1 लाख का जुर्माना लगाया। इसके अलावा, जान से मारने की धमकी देने के लिए भी सजा दी गई। हालांकि, कई सजाएं एक साथ चलेंगी, जिसके चलते रफी को अधिकतम 50 साल जेल में रहना होगा।
बता दें कि मौलवी मौलवी मोहम्मद रफी पहले से ही शादीशुदा है। लेकिन उसकी हरकतों के कारण उसकी बेगम ने तलाक ले लिया था। वहीं इस तरह के मामले के बाद मदरसों में बच्चों की सुरक्षा पर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं।
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