ब्रह्मपुरी के ‘एल’ और ‘के’ ब्लॉक के हिंदू सशंकित हैं। 2020 के दंगों के बाद से यहां की स्थिति नाजुक बनी हुई है। दंगों के बाद बहुत से हिंदू यहां से पलायन कर गए हैं। जो बचे हैं उन्होंने भी अपने घर के मकान के बाहर ‘यह मकान बिकाऊ’ है के पोस्टर चिपकाए हैं। ऐसा इसलिए कि गली नंबर 13 में जो मस्जिद थी उसके पीछे का प्लाट का खरीदकर वहां मस्जिद का विस्तार करने के लिए अवैध निर्माण किया जा रहा था।
गली नंबर 12 में ज्यादातर हिंदू आबादी है। हिंदुओं ने मस्जिद के अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया तो उनको धमकियां मिलनी शुरू हो गईं। गली नंबर 13 में बनी यह मस्जिद एक मकान में बनाई गई है। अब उसके पीछे का प्लाट खरीदकर वहां पर अवैध तरीके से मस्जिद का निर्माण किया जा रहा था। हिंदुओं ने इसका विरोध किया और नगर निगम में शिकायत दी तो मस्जिद का निर्माण रोक दिया गया। स्थिति तनावपूर्ण होने के चलते यहां पर पुलिस तैनात कर दी गई है। स्थानीय निवासी पंडित शंकर लाल गौतम बताते हैं कि ठेकेदार राशिद मलिक यहां पर निर्माण कर रहा था।
सभी को लगा कि यहां पर मकान बनाया जा रहा है, लेकिन बाद में पता चला कि मस्जिद का विस्तार करने की योजना है। पहले की बनी मस्जिद भी अवैध तरीके से बनाई गई है। इसी मस्जिद को बढ़ाकर गली नंबर 12 में गेट लगाया जा रहा था। आसपास के लोगों ने मिलकर विरोध जताया तो हमें धमकियां दी गईं। 3 मार्च की रात को मस्जिद की तरफ से हिंदुओं के मकानों की तरफ पथराव भी किया गया। वे कहते हैं कि जानबूझकर यहां इस तरह का निर्माण किया जा रहा है। गली नंबर 12 को छोड़कर बाकी गलियों में हिंदू बहुत कम संख्या में हैं। यहां पर जनसांख्यिक संतुलन को बिगाड़ने की साजिश रची जा रही है। हिंदुओं को डराया जा रहा है, ताकि वे यहां से पलायन कर जाएं।

स्थानीय निवासी हेमंत अवस्थी, ( 35) कहते हैं, ‘‘2020 में हुए दंगों के बाद से हमें यहां सुरक्षित महसूस नहीं होता। यदि मस्जिद का निर्माण कर लिया गया तो यहां रहना दूभर हो जाएगा। जब गली नंबर 12 में नमाज होती है, विशेषकर जुम्मे की नमाज, तब एक ही बाइक पर तीन—तीन मुसलमानों के लड़के सवार होकर आते हैं। वे गली में ही अपनी मोटरसाइकिल खड़ी कर देते हैं। लोगों के आने—जाने की जगह भी नहीं बचती। उनकी संख्या इतनी ज्यादा होती है कि उन्हें कोई कुछ बोल भी नहीं सकता।
राम गोपाल सैनी (62) कहते हैं कि गली नंबर 13 में, जहां मस्जिद का निर्माण करने का प्रयास किया गया वहां सामने ही 40 साल पुराना शिवमंदिर है। यहां हिंदू समाज के लोग रुद्राभिषेक कराते हैं। मंदिर में रोजाना पूजा होती है। यदि मस्जिद का निर्माण होगा तो यहां पर हिंदू पूजा कैसे कर पाएगा।
स्थानीय निवासी नीतू शर्मा बताती हैं, ‘‘मुसलमानों के लड़के बाइक पर सवार होकर आते हैं और तेजी से हॉर्न बजाते हुए निकलते हैं। लड़कियों के लिए बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। मस्जिद के आसपास खड़े होकर मुस्लिम लड़के आती-जाती लड़कियों पर फब्तियां कसते हैं। हम अपने ही घर में असुरक्षित महसूस करते हैं।’’
तथ्यों को छिपाया गया

नगर निगम के शाहदरा उत्तरी जोन के चेयरमैन प्रमोद गुप्ता का कहना है कि तथ्यों को छिपाकर सरल योजना के तहत नक्शा स्वीकृत कराया था। अब गली नंबर-12 में मस्जिद का विस्तार नहीं होगा। नगर निगम ने इसके भवन का नक्शा निरस्त कर दिया है। अब निर्माण स्थल को भी सील किया जाएगा। पहले नोटिस देकर खुद ही उन्हें ध्वस्त करने का समय दिया जाएगा। यदि हो चुके निर्माण को खुद हटाते हैं तो बेहतर है, नहीं तो नगर निगम अपने स्तर से गैर कानूनी तरह से किए गए निर्माण पर कार्रवाई करेगा।
पुलिस करेगी जांच
मस्जिद निर्माण मामले में हिंदू पक्ष की तरफ से दी गई शिकायत के आधार पर 4 मार्च की रात को उत्तर पूर्वी जिले के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संदीप लांबा ने गली के लोगों के साथ बैठक की। बैठक में बड़ी संख्या में महिलाएं थीं। 3 मार्च की रात को पत्थरबाजी की घटना को लेकर दी गई शिकायत का मुद्दा भी लोगों ने उठाया। लांबा ने लोगों को आश्वस्त किया कि पुलिस उनके साथ है। डर कर मकान बेचने की कोई जरूरत नहीं है।
क्या कहते हैं स्थानीय पार्षद
स्थानीय भाजपा पार्षद अनिल गौड़ ने कहा कि पहले यहां पर मकान बनाए जाने की जानकारी मिली थी। बाद में जब यहां पर मस्जिद बनाए जाने की जानकारी मिली तो तत्काल नगर निगम के अधिकारियों से बात कर यहां पर निर्माण रुकवा दिया गया है। स्थानीय लोगों ने और भी अवैध निर्माण होने की बात बताई है। उन सभी अवैध निर्माणों की सूची बनाकर नगर निगम अधिकारियों को कार्रवाई के लिए कहा जाएगा। किसी भी सूरत में क्षेत्र में अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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