उधम सिंह नगर: कुछ साल पहले खुफिया विभाग ने यूपी सरकार को आगाह किया था कि नेपाल सीमा पर बड़ी संख्या में मदरसों और मस्जिदों का निर्माण एक संवेदनशील मुद्दा है। उत्तराखंड को भी इसी तरह की जानकारी दी गई थी, लेकिन राज्य सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। हाल ही में जब धामी सरकार ने राज्य में मदरसों के सत्यापन का अभियान चलाया तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए और 500 से अधिक अवैध मदरसों का संचालन सामने आया।
उधम सिंह जिले की नेपाल सीमा से सटे खटीमा के इस्लामनगर में अवैध मदरसों की बाढ़ आ गई है। उल्लेखनीय है कि नेपाल सीमा से महज दस बारह किमी की दूरी पर 11 मदरसे चिन्हित किए गए है जोकि अवैध रूप से संचालित किए जा रहे है, खास बात ये है कि ये सभी मदरसे उत्तराखंड राज्य बनने के बाद बनाए गए है और इनका तालुक मुस्लिम बरेलवी समुदाय से है।
मदरसा रहमानिया दावते और मदरसा फ़ैजले सिद्दीक 2021 में शुरू हुआ है। मदरसा शान ए मुस्तफा 2018 में,मदरसा गुलशन बगदादी फैजानी फातिमा 2012 में,मदरसा दारुल उलूम फ़ैजाने मुस्तफा 2005 में,मदरसा गरीब नवाज 2014 में, मदरसा रजा लोहिया हेड 2016 में, मदरसा अनवारे मुस्तफा चारुबेटा 2010 में, मदरसा तालीमुल कुरान 2019 में,मदरसा मदीना तुल उलूम 2010 में मदरसा दारुल उलूम कादरिया मुसफलिया 2002 में शुरू हुआ । ये सभी मदरसे अपंजीकृत है। खास बात ये है कि कांग्रेस की जब राज्य सरकार थी तब मदरसों के बच्चों की छात्रवृत्ति की घोटाला सूची में इन मदरसों के नाम भी शामिल थे। बावजूद इसके इन मदरसों के खिलाफ शासन प्रशासन स्तर से कोई कारवाई नहीं की गई।
ऐसा नहीं है कि खटीमा में पंजीकृत मदरसे नहीं है। यहां मदरसा जामिया सादिया, मदरसा गौसिया और मदरसा फातिमा जहारा ,ये तीन मदरसे ऐसे ही जिन्होंने मदरसा बोर्ड अथवा शिक्षा विभाग से पंजीकृत है।
जानकारी के मुताबिक अवैध मदरसे संचालक, पंजीकरण इस लिए नहीं कराते कि उन्हें इसका हिसाब किताब की ऑडिट रिपोर्ट सरकार में देनी अनिवार्य होती है। ये मदरसे लोगों के चंदे,विदेशी फंडिंग आदि से चलाए जाते है जिसमें भारी भ्रष्टाचार होने की शिकायते भी समय समय पर सामने आती रही है।
कुछ मदरसे ऐसे है जिनके भूमि दस्तावेज नहीं है या सरकारी भूमि पर कब्जे करके बनाए गए है। खटीमा जैसे सीमांत नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध रूप से संचालित हो रहे इन मदरसों को लेकर पहले भी कई सवाल उठते रहे है लेकिन कारवाई के नाम पर अभी तक शून्यता ही दिखाई दे रही है। हालांकि उधम सिंह नगर जिले में 129 अवैध मदरसों के होने की जानकारी सामने आई है जिनमें ज्यादातर मुस्लिम बरेलवी बिरादरी के है।
देहरादून जिला प्रशासन ने अपने जिले में 16 मदरसे सील किए है। जिसका मुस्लिम सेवा संगठन ने विरोध करते हुए कहा है कि रमजान के महीने में जिला प्रशासन एक तरफा कारवाई कर रहा है। धामी सरकार का रुख उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ये कहते रहे है कि मदरसों के सत्यापन का काम पूरा हुआ है। बेहतर यही है कि जो गलत है, लोग खुद ही इन्हें बंद कर दें। अवैध निर्माण को खुद ही हटा लें,अन्यथा सरकार अपना काम करेगी।
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