मोगा। पंजाब में मोगा की एक अदालत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पंजाब प्रांत सह-संघचालक ब्रिगेडियर (से.नि.) जगदीश गगनेजा व एक डेरा प्रेमी गुरदीप के हत्या के आरोपी जग्गी जौहल (जगतार सिंह जौहल ) को बरी कर दिया है। जग्गी जौहल आरएसएस नेता जगदीश गगनेजा और गुरदीप की टारगेट किलिंग का आरोपी है। जग्गी जौहल के खालिस्तानी आतंकी कनेक्शन को लेकर एनआईए जांच कर रही है।
ब्रिगेडियर गगनेजा को 7 अगस्त, 2016 को जालंधर के ज्योति चौक पर हमलावरों ने गोली मार दी थी और 22 सितम्बर 2016 को लुधियाना में उपचार के दौरान उनका देहांत हो गया। इस आरोप में जग्गी जौहल को गिरफ्तार किया था। जग्गी जौहल की गिरफ्तारी के बाद ब्रिटेन में काफी शोर शराबा हुआ था। तत्कालीन पीएम जॉनसन ने उसके समर्थन में खुलकर स्टैंड लिया था। जगतार सिंह जौहल 2017 से भारतीय जेल में बंद है। उस पर हिंदू नेताओं की टारगेट किलिंग में शामिल होने का आरोप है।
बोरिस जॉनसन के पत्र में जौहल को एक ब्रिटिश नागरिक बताकर कहा गया था कि वह भारतीय जेल में मनमाने ढंग से बंद है। ब्रिटेन के स्कॉटलैंड के रहने वाले जौहल को 2017 में भारत आने पर गिरफ्तार किया गया था। वह तिहाड़ जेल में बंद है। यूके के 70 सांसदों ने जग्गी का मामला उठाया था। जग्गी 2 अक्तूबर 2017 को पंजाब आया था, उसकी 18 अक्तूबर को शादी हुई। उसका भाई गुरप्रीत व माता पिता शादी के बाद यूके चले गए। 4 नवंबर को जालंधर की रामामंडी से उसको गिरफ्तार कर लिया गया।
एनआईए कर रही मामले की जांच
एनआईए की जांच में पता चला कि आतंकी हरमिंदर मिंटू और हरदीप सिह ने यूरोप की यात्रा की थी। उनकी मुलाकात जौहल से हुई थी। जौहल सीधे तौर पर खालिस्तान लिबेरशन फोर्स से जुड़ा हुआ था।
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