मानवता और सेवा का पाठ पढ़ाते नेताजी के प्रेरक प्रसंग नेताजी सुभाष की महानता के अनछुए पहलू
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

मानवता और सेवा का पाठ पढ़ाते नेताजी के प्रेरक प्रसंग नेताजी सुभाष की महानता के अनछुए पहलू

आजादी के परवाने महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस दूसरों के दुख-दर्द को अपना दुख-दर्द समझने वाले संवेदनशील शख्स तो थे ही, साथ ही एक वीर सैनिक, एक महान सेनापति और राजनीति के अद्भुत खिलाड़ी भी थे।

by योगेश कुमार गोयल
Jan 23, 2025, 04:54 pm IST
in भारत
महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस

महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

आजादी के परवाने महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस दूसरों के दुख-दर्द को अपना दुख-दर्द समझने वाले संवेदनशील शख्स तो थे ही, साथ ही एक वीर सैनिक, एक महान सेनापति और राजनीति के अद्भुत खिलाड़ी भी थे। उनसे जीवन से जुड़े अनेक ऐसे प्रसंग हैं, जिनसे उनकी उदारता, मित्रता, संवेदनशीलता, दूरदर्शिता स्पष्ट परिलक्षित होती है। भारत की आजादी के संघर्ष में उनके नेतृत्व में आजाद हिन्द फौज के योगदान को सदैव सराहा जाता है लेकिन एक बार उनकी इसी फौज में एक साम्प्रदायिक विवाद ने जन्म ले लिया था। दरअसल फौज के मुस्लिम भाईयों का विरोध था कि मैस में सूअर का मांस नहीं बनेगा जबकि ‘आजाद हिन्द फौज’ के हिन्दू साथी गाय का मांस इस्तेमाल करने का प्रखर विरोध कर रहे थे। विकट समस्या यह थी कि दोनों में से कोई भी पक्ष एक-दूसरे की बात मानने या समझने को तैयार नहीं था। विवाद बढ़ने पर जब यह सारा वाकया नेताजी के समक्ष आया तो उन्होंने सारे प्रकरण को गहराई से समझते हुए अगले दिन इस पर अपना फैसला सुनाने को कहा। चूंकि वे फौज के सर्वेसर्वा थे तो स्पष्ट था कि उनका निर्णय ही अंतिम निर्णय होना था। अंततः दूरदर्शिता का परिचय देते हुए उन्होंने अगले दिन ऐसा निर्णय सुनाया कि हिन्दुओं तथा मुसलमानों के बीच पनपा विवाद स्वतः ही खत्म हो गया। अपने फैसले में उन्होंने कहा कि भविष्य में ‘आजाद हिन्द फौज’ की मैस में न तो गाय का मांस पकेगा, न ही सूअर का।

जब सुभाष स्कूल में पढ़ने जाया करते थे, तब उनके स्कूल के पास ही एक असहाय वृद्ध महिला रहती थी, जो अपने लिए भोजन बनाने में भी असमर्थ थी। सुभाष से उसका दुख देखा नहीं गया और प्रतिदिन स्कूल में वे लंच के लिए अपना जो टिफिन लेकर जाते थे, उसमें से आधा उन्होंने उस वृद्ध महिला को देना शुरू कर दिया। एक दिन उन्होंने देखा कि वह महिला बहुत बीमार है। करीब 10 दिनों तक उन्होंने उस वृद्ध महिला की सेवा कर उसे ठीक कर दिया। इसी प्रकार जब वे कॉलेज जाया करते थे, उन दिनों उनके घर के ही सामने एक वृद्ध भिखारिन रहती थी। फटे-पुराने चिथड़ों में उसे भीख मांगते देख सुभाष का हृदय रोजाना यह सोचकर दहल उठता कि कैसे यह बुढि़या सर्दी हो या बरसात अथवा तूफान या कड़कती धूप, खुले में बैठकर भीख मांगती है और फिर भी उसे दो जून की रोटी भी नसीब नहीं होती। यह सब देखकर उनका हृदय ग्लानि से भर उठता। घर से उनका कॉलेज करीब तीन किलोमीटर दूर था। आखिकार प्रतिदिन बस किराये और जेब खर्च के लिए उन्हें जो भी पैसे मिलते, उन्होंने वो बचाने शुरू कर दिए और पैदल ही कॉलेज जाना शुरू कर दिया। इस प्रकार प्रतिदिन अपनी बचत के पैसे उन्होंने जीवनयापन के लिए उस बूढ़ी भिखारिन को देने शुरू कर दिए।

सुभाष चंद्र बोस को लोगों का दुख-दर्द बर्दाश्त नहीं होता था। ऐसा ही एक वाकया उन दिनों का है, जब बंगाल में भारी बाढ़ आई हुई थी और गांव के गांव बाढ़ के पानी में समा गए थे। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। सुभाष तब कॉलेज में पढ़ते थे। उन्होंने अपने कुछ सहपाठियों के साथ मिलकर बाढ़ पीडि़तों के लिए राहत सामग्री एकत्रित करने का निश्चय किया और जी-जान से बाढ़ पीडि़तों की मदद में जुट गए। उसी दौरान एक दिन उनके पिता ने उनसे कहा कि बेटा, मानव सेवा तो ठीक है पर कभी अपने घर की ओर भी थोड़ा ध्यान दिया करो, गांव में ही मां दुर्गा की विशाल पूजा का आयोजन किया जा रहा है, जहां दूसरे लोगों के साथ तुम्हारा रहना बेहद जरूरी है, इसलिए तुम्हें मेरे साथ चलना होगा। इस पर सुभाष ने पिताजी से कहा कि आप सब लोग गांव जाकर मां दुर्गा की पूजा करें, वह उनके साथ नहीं चल सकता क्योंकि बाढ़ ने जो विनाश किया है, ऐसे में उससे लोगों का दर्द बर्दाश्त नहीं होता और ऐसे दीन-दुखियों की सेवा करके उसे दुर्गा मां की पूजा का पुण्य स्वतः ही मिल जाएगा। समाज के दीन-दुखियों के प्रति बेटे के इस तरह के भाव देखकर उनके पिता भाव-विभोर हो उठे और उन्होंने सुभाष को सीने से लगाते हुए कहा कि बेटा, मां दुर्गा की सच्ची पूजा तो वास्तव में तुम कर रहे हो।

सुभाष चंद्र बोस जब कॉलेज में पढ़ते थे, उस समय उनका एक दोस्त था, जो बंगाल की ही किसी छोटी जाति से संबंध रखता था। हॉस्टल में रहते हुए उसे एक बार चेचक हो गया। छूत की बीमारी होने के कारण होस्टल के सभी साथी उसे उसके हाल पर अकेला छोड़ गए लेकिन सुभाष को यह बात पता चली तो उनसे यह सब देखा नहीं गया। वे उसके पास पहुंचे और स्वयं उसका इलाज शुरू कराया तथा प्रतिदिन उसे देखने जाने लगे। जब सुभाष के पिता को यह सब पता चला तो उन्होंने सुभाष को समझाया कि यह छूत की बीमारी है और तुम्हें भी लग सकती है, इसलिए उस लड़के से दूर रहा करो किन्तु सुभाष ने जवाब दिया कि उन्हें पता है कि यह छूत की बीमारी है किन्तु संकट की घड़ी में मित्र ही मित्र के काम आता है। जरूरत पड़ने पर वह अपने निर्धन और बेसहारा मित्र की मदद नहीं करेंगे तो फिर कौन करेगा? बेटे से मित्रता की यह परिभाषा सुन पिता बड़े खुश हुए और सुभाष ने अपने दोस्त का चेचक का इलाज पूरा कराकर उसे स्वस्थ कर दिया। ऐसे थे विलक्षण व्यक्तित्व के धनी महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस।

Topics: महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोसआजाद हिन्द फौजनेताजी सुभाष की 128वीं जयंतीParakram DiwasCommitmentFreedom Struggleसिद्धांतनेताजीसुभाष चंद्र बोस के विचार thoughts of subhas chandra boseजयंतीपराक्रम दिवसSubhas Chandra Boseआजादी
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

कस्तूरबा गांधी जयंती विशेष : वो ‘बा’ ही थीं! जो गांधी जी के चरमोत्कर्ष की सारथी बनीं

श्री दत्तात्रेय होसबाले, सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

आरएसएस : संघ की शाखा का कैसे हो रहा सफल संचालन, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने बताया

कार्यक्रम के मंच पर राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस और स्वामी कलेशानंद महाराज   

स्वामी विवेकानंद और नेताजी पर गोष्ठी 

नेताजी सुभाष चंद्र बोस : एक सर्वोच्च सैन्य नेता

नेताजी सुभाष चंद्र बोस

मैं सुभाष चंद्र बोस ईश्वर को साक्षी मानकर पवित्र शपथ लेता हूं कि अंतिम सांस तक स्वतंत्रता का पावन युद्ध लड़ता रहूंगा

भारत विभाजन और कठिन समय में मारवाड़ की भूमिका

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies