पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार में आतंकवाद फिर सिर उठा रहा है। राज्य में बीते लगभग दो महीनों में 10 आतंकी हमले हुए। ताजा मामला 15 जनवरी की शाम अमृतसर जिले के मजीठा स्थित जैंतीपुर में राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा के करीबी शराब ठेकेदार अमनदीप जैंतीपुरिया के घर पर आतंकी हमले का है। बाइक सवार आतंकियों द्वारा हैंड ग्रेनेड से किए गए हमले में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। हमले की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने ली है।
यह पहला मौका है, जब किसी आतंकी संगठन ने व्यक्ति विशेष को निशाना बनाया है। इससे पहले आतंकियों ने पुलिस चौकियों और थानों को निशाना बनाकर 9 हमले किए थे। पुलिस थानों और चौकियों पर ग्रेनेड हमले के बाद गुप्तचर एजेंसियों ने ऐसे और हमलों की चेतावनी दी थी। शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को टैग करते हुए एक्स पर लिखा कि यह मजीठा में दूसरा धमाका है। सूबे की कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है।
हवाईअड्डे और अन्य संवेदनशील इलाकों में बम विस्फोट से न सिर्फ राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि जिस दिशा में पंजाब जा रहा है वह भी चिंताजनक है। पहले फिरौती, फिर ‘टार्गेटिड किलिंग’ शुरू हो गई। डर के मारे लोग सरकार या पुलिस को आतंकी हमलों की सूचना देने से भी कतरा रहे हैं और फिरौती देकर जान बचाना मुनासिब समझ रहे हैं। राज्य में हफ्ता वसूली भी चरम पर है। जिस परिवार के घर पर हमला हुआ है, उस पर पहले से खतरा था।
कब-कब हुए हमले
- 24 नवंबर, 2024 – अजनाला थाने के बाहर आरडीएक्स लगाया गया, लेकिन विस्फोट नहीं हुआ। हैप्पी पासिया ने जिम्मेदारी ली।
- 27 नवंबर, 2024- गुरबख्श नगर में बंद पुलिस चौकी में ग्रेनेड फटा।
- 2 दिसंबर, 2024- एसबीएस नगर के काडगढ़ थाने पर ग्रेनेड से हमला। 3 आतंकी हथियारों के साथ गिरफ्तार।
- 4 दिसंबर, 2024- मजीठा थाने में ग्रेनेड विस्फोट। पुलिस का आतंकी हमला मानने से इनकार।
- 13 दिसंबर, 2024- अलीवाल बटाला थाने पर ग्रेनेड फटा। हैप्पी पासिया और उसके साथी ने हमले की जिम्मेदारी ली।
- 17 दिसंबर, 2024- इस्लामाबाद थाने पर ग्रेनेड से हमला। पहले पुलिस ने इनकार किया, फिर इसे आतंकी हमला बताया।
- 19 दिसंबर, 2024- गुरदासपुर जिले की बंद पड़ी पुलिस चौकी बख्शीवाला पर आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका।
- 21 दिसंबर, 2024- गुरदासपुर के कलानौर इलाके में बंगा वडाला गांव की पुलिस चौकी में विस्फोट। बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने जिम्मेदारी ली।
- 9 जनवरी, 2025 – अमृतसर में गुमटाला पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला, लेकिन पुलिस ने आतंकी हमला नहीं माना।
इससे पहले 9 जनवरी की रात बाइक सवार दो आतंकियों ने अमृतसर में गुमटाला पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला किया था। लेकिन पुलिस ने इसे आतंकी हमला मानने से इनकार करते हुए कहा कि धमाका कार का रेडिएटर फटने से हुआ। इस हमले की जिम्मेदारी भी बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने ही ली थी। इसी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान और अमेरिका स्थित गैंगस्टर से आतंकी बने हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया ने भी ली है, जो पहले भी कई धमाकों का मास्टरमाइंड रह चुका है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस चौकी के पास ही सेना और वायुसेना छावनी है।
आतंकियों की धमकी
शराब ठेकेदार के घर पर हमले की जिम्मेदारी लेते हुए बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि कुछ समय पहले उसने शराब ठेकेदारों को पंजाब में शराब की बिक्री बंद करने की चेतावनी दी थी। लेकिन ठेकेदारों ने इसे हल्के में लिया। इसलिए अब उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ा। आतंकी संगठन ने यह भी कहा कि शराब ठेकेदारों ने गुरु घरों और स्कूलों के पास शराब के ठेके खोले हैं, जिनकी कड़ी आलोचना हो रही है। इसी तरह, गुमटाला घटना के बाद के बब्बर खालसा ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था, ‘वेट एंड वॉच।’ दूसरी तरफ, हैप्पी पासिया ने भी गुमटाला थाने पर हुए ग्रेनेड हमले की जिम्मेदारी लेते हुए अपने सोशल मीडिया पोस्ट में सैनिकों और पुलिस अधिकारियों के परिवारों को भी धमकी दी है।
इसमें उसने लिखा है कि जिस तरह उसके साथियों के परिवारों को परेशान किया जा रहा है, उसे देखते हुए जवाबी कार्रवाई की जाएगी। पासिया पहले गैंगस्टर था, लेकिन अब वह आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के साथ मिलकर काम कर रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उस पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। पूर्व में जो 9 आतंकी हमले हुए, उनमें अधिकांश पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों ने अंजाम दिया। इनमें 7 हमले विदेश में बैठे आतंकियों ने कराए थे।
सिर उठाता अलगाववादी कट्टरपंथ
आआपा के सत्ता में आने के बाद से पंजाब में न केवल कट्टरता बढ़ी है, बल्कि खुलेआम लोगों की हत्या की जा रही है। बीते वर्ष जुलाई में लुधियाना के भीड़भाड़ वाले इलाके में पुलिस की मौजूदगी में तीन निहंगों ने महान क्रांतिकारी सुखदेव के परिवार से जुड़े शिवसेना के नेता संदीप थापर पर जानलेवा हमला किया था। कुछ समय पहले हुए उपचुनाव में खडूर साहिब से कट्टरपंथी उम्मीदवार अमृतपाल सिंह और उससे पहले फरीदकोट लोकसभा सीट से इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह खालसा ने भारी मतों से जीत दर्ज की थी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कट्टरपंथ बढ़ने के कारण अलगाववादी चुनाव जीते या इनके चुनाव जीतने से राज्य में अलगाववाद और कट्टरपंथ को बढ़ावा मिला? दोनों ही बातें सही हैं। इन उम्मीदवारों की जीत के पीछे कट्टरपंथ का उभार माना जा रहा है। इनकी जीत से राज्य में कठमुल्लावादियों के भी हौसले बढ़े हैं।
15 अक्तूबर, 2021 को सिंघु बॉर्डर पर कथित किसान आंदोलन के दौरान निहंगों ने बेअदबी के नाम पर एक दलित युवक को काट दिया और उसे मरणासन्न अवस्था में सड़क के बैरिकेड पर लटका दिया था। कोरोना काल में भी निहंगों ने पटियाला में एक पुलिसकर्मी का हाथ काट दिया था। 4 सितंबर, 2023 को गाय चराने को लेकर राधा स्वामी संप्रदाय के अनुयायियों और निहंगों के बीच खूनी झड़प हुई थी। इसके बाद 6 जुलाई, 2024 को अमृतसर में एक निहंग ने एक युवक की केवल इसलिए हत्या कर दी, क्योंकि वह तंबाकू खा रहा था। मई 2023 में कट्टरपन्थी निहंगों ने पटियाला के विश्व प्रसिद्ध काली माता मन्दिर पर हमले का प्रयास किया। 6 जनवरी, 2024 को कपूरथला में नशे में धुत निहंग ने बेअदबी के नाम पर गुरुद्वारा साहिब में एक युवक की हत्या कर दी। इसके बाद 6 जून को जालंधर में निहंगों ने पुलिस दल पर हमला कर एक पुलिस अधिकारी को घायल कर दिया।
कट्टरपंथी अमृतपाल के समर्थक केवल उसके निर्वाचन क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि पूरे पंजाब में फैले हैं। दरअसल, पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद और कट्टरपंथियों के बढ़ते दुस्साहस को आआपा का पूरा समर्थन मिल रहा है। आआपा के रूप में उन्हें राजनीतिक चेहरा मिल गया और इस प्रकार राज्य में उसकी सरकार बन गई। पंजाब में गैंगस्टर, फिरौती, नशे के कारोबार जैसी आपराधिक गतिविधियों के लिए अलगाववादी, कट्टरपंथी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जिम्मेदार हैं। आज पंजाब भले ही ऊपरी तौर पर शांत दिखे, लेकिन भीतर-भीतर सुलग रहा अलगाववाद और कट्टरपंथ कब ज्वालामुखी का रूप धारण कर ले, कहा नहीं जा सकता।
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