इस्लामिक कट्टरपंथ पर उतारू इस्लामी देश ईरान आखिरकार विरोधों के आगे झुक गया है। उसने विवादास्पद नए हिजाब कानून के क्रियान्वयन को आधिकारिक तौर पर स्थगित कर दिया है। ईरान का नया हिजाब कानून आज से प्रभावी होने वाला था। लेकिन अब उसे रोक दिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने एक पत्र लिखकर देश की संसद से हिजाब और शुद्धता कानून को लागू नहीं करने को कहा। इससे पहले मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ईरान के नए हिजाब कानून की निंदा करते हुए कहा था कि यह कानून लड़कियों और महिलाओं के लिए नए उत्पीड़न के तरीकों की शुरुआत करेगा। साथ ही इसके जरिए नियमों का उल्लंघन करने वालों को मृत्युदंड देना आसान हो जाएगा।
एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना था कि ईरानी अधिकारियों ने जिस कानून को अपनाया है वो महिलाओं के मानवाधिकारों को खत्म करता है। मध्य पूर्व और अफ्रीका के लिए संगठन की डिप्टी रीजनल डायरेक्टर डायना एल्टाहावी ईरान के नए कानून को लेकर कहती हैं कि यह एक शर्मनाक कानून है।
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उल्लेखनीय है कि 74 अनुच्छेदों वाले इस कानून में हिजाब उल्लंघन करने वाली महिलाओं के लिए अत्यधिक जुर्माना, जेल की सजा, कोड़े मारना और यहां तक कि मृत्युदंड की सजा तक का प्रवाधान किया गया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार इस कानून के अनुच्छेद 50 में पर्दा करने को हिजाब से सिर नहीं ढकने के तौर पर परिभाषित किया गया है। जबकि, अनुच्छेद 48 में खराब कपड़े पहनने को हाथों, पैरों और गर्दन के नीचे शरीर के अंगों को उजागर करने या ऐसे कपड़े पहनने के तौर पर परिभाषित किया गया है।
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