गत दिनों नई दिल्ली में ‘हुसैन: दी टाइमलेस मॉडर्निस्ट’ नाम से एक प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें मकबूल फिदा हुसैन के कुछ ऐसे चित्र शामिल थे, जिनमें हिंदू देवी-देवताओं को बहुत ही गलत रूप में चित्रित किया गया था।
गणेश जी और हनुमान जी को नग्न और आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया है। इन्हें देखकर हिंदू गुस्से में आ गए। इसके बाद 9 दिसंबर को हिंदू जनजागृति समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने संसद मार्ग थाने में एक लिखित शिकायत की।
समिति का कहना था कि प्रदर्शनी में जान-बूझकर हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत की गईं। यह भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए और भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 के अंतर्गत दंडनीय और गैर-जमानती अपराध है।
समिति ने यह भी मांग की है कि 2011 में हुसैन के निधन के बाद इन चित्रों की प्रामाणिकता पर सवाल उठता है। शिकायत के बाद प्रदर्शनी में शामिल आपत्तिजनक चित्र तो हटा लिए गए, लेकिन हिंदुओं का कहना है कि आयोजकों के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी चाहिए।
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