गत दिनों सहारनपुर और अलवर से बहुत ही चिंताजनक खबरें आईं। इन दोनों स्थानों पर मुसलमानों ने दलित समाज के लड़कों को घोड़ी पर चढ़कर विवाह करने जाने से रोक दिया था। वहीं इसके विपरीत राजस्थान में एक अलग ही दृश्य देखने को मिला।
एक राजपूत परिवार ने वाल्मीकि परिवार की बिटिया कुसुमलता के विवाह का सारा खर्च उठाया। यही नहीं, उक्त परिवार ने अपने घर ही विवाह संपन्न कराया। मामला बालोतरा जिले के ग्राम नागाणा का है।
यहां के सज्जन सिंह और उनके परिवार ने सामाजिक समरसता की पहल करते हुए गांव की एक बेटी कुसुमलता का विवाह कराया। इसमें गांव के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
बारात पहुंचने पर सज्जन सिंह के नेतृत्व में गांव के लोगों ने बारातियों का जोरदार स्वागत किया। साथ ही दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर रस्में पूरी की गईं। पूरे गांव के लोगों ने साथ भोजन भी किया। समरसता की इस अनूठी पहल की चर्चा दूर-दूर हो रही है। सज्जन सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दायित्ववान कार्यकर्ता हैं।
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