उत्तरकाशी। शहर में मस्जिद विवाद का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। उत्तरकाशी मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिद को अवैध बताए जाने का विरोध कर रहे हैं। जबकि हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों ने इस मस्जिद को अवैध बताते हुए इसके भू और निर्माण अभिलेखों की मांग की है। उत्तरकाशी के मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है उनकी ओर से हाईकोर्ट में अपील दायर करते हुए मस्जिद को सुरक्षा देने की मांग की गई है।
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने उत्तरकाशी के भटवारी रोड स्थित सुन्नी समुदाय की मस्जिद सुरक्षा मामले में सुनवाई करते हुए उत्तरकाशी के जिलाधिकारी और एस.एस.पी.को निर्देश दिए हैं कि वहां के सभी धार्मिक स्थलों में कानून व्यवस्था बनाएं रखें। साथ में डी.जी.पी. आगामी 27 तारीख तक न्यायालय को स्थिति से अवगत कराएं। कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 27 नवम्बर के लिए तय की है।
उल्लेखनीय है कि हाल में विश्व हिंदू परिषद के आह्वान पर देवभूमि विचार मंच ने मस्जिद के खिलाफ 25 नवंबर को तहसील स्तर पर ज्ञापन और 1 दिसंबर को महापंचायत किए जाने की घोषणा की हुई है। मुस्लिम समुदाय की तरफ से इश्तियाक अहमद, अनवर बेग, नासिर शेख व नसीर खान ने मीडिया को बताया कि गत सोमवार को उन्होंने हाईकोर्ट में अपील दायर की है। उन्होंने बताया कि जिस मस्जिद को अवैध बताया जा रहा है, उसकी जमीन की रजिस्ट्री से लेकर के दाखिला खारिज सभी तरह के दस्तावेज हैं, जिन्हें वह पूर्व में जिला प्रशासन को भी सौंप चुके हैं। उक्त मस्जिद वर्ष 1982 के नगर पालिका के अभिलेखों के साथ ही 1986 में वक्फ बोर्ड यूपी में भी दर्ज है, जो कि वर्तमान में उत्तराखंड वक्फ बोर्ड देहरादून के अंतर्गत आता है।
वहीं हिंदुत्व निष्ट संगठनों का कहना है कि मस्जिद भूमि क्रय करने संबंधी दस्तावेजों में हेर फेर किया गया है और ये मस्जिद अवैध रूप से बनाई गई है। इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी पिछली उत्तरकाशी यात्रा के दौरान मस्जिद भू स्वामित्व और निर्माण संबंधी दस्तावेजों की पुनः जांच किए जाने के आदेश दिए थे।
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