नई दिल्ली । इस सीजन में पहली बार देश की राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है। बुधवार की शाम को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 467 तक पहुंच गया, जिससे प्रदूषण का स्तर चिंताजनक हो गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली के विभिन्न इलाकों में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
शाम करीब 7 बजे, पूसा इलाके में एक्यूआई 430, जबकि पूर्वी दिल्ली के अक्षरधाम और आनंद विहार क्षेत्रों में यह क्रमशः 466 और 467 तक पहुंच गया। यह स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक खतरनाक है। इसके साथ ही प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ राजधानी में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और अधिक बढ़ सकती हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी: घने कोहरे की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली सहित हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में अगले दो दिनों तक सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाने की संभावना है। इस कोहरे से दृश्यता में कमी आ सकती है और साथ ही ठंड में भी बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे प्रदूषण का स्तर और अधिक खराब हो सकता है।
प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए लागू की गई GRAP की पाबंदियां
पिछले बारह दिनों से दिल्ली का एक्यूआई लगातार 300 से ऊपर बना हुआ है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। इस स्थिति को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के पहले और दूसरे चरण की पाबंदियां लागू कर रखी हैं। अब एक्यूआई के 400 के पार जाने के बाद ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदियां भी जल्द ही लागू की जा सकती हैं। इन पाबंदियों के अंतर्गत निर्माण कार्यों पर रोक, वाहनों की सीमित आवाजाही और औद्योगिक गतिविधियों पर नियंत्रण जैसे सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पहले ही दिल्ली और हरियाणा सरकार को चेतावनी दी है कि अगर वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ, तो और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे। यह चेतावनी सभी सरकारी और निजी एजेंसियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कार्रवाई आवश्यक है।
बढ़ते प्रदूषण का प्रभाव
वायु गुणवत्ता का ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचना दिल्ली के निवासियों के लिए स्वास्थ्य के लिहाज से काफी खतरनाक साबित हो सकता है। सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए यह प्रदूषण का स्तर और भी अधिक खतरनाक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि लोग घर के अंदर ही रहें और बाहर निकलते समय मास्क पहनें।
दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण स्तर के कारण सर्दियों में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य सांस संबंधी बीमारियों के मामले भी तेजी से बढ़ सकते हैं। इसके अलावा, वायु प्रदूषण से आंखों में जलन, गले में खराश, और त्वचा संबंधी समस्याएं भी देखने को मिल रही हैं।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए, सभी नागरिकों को एहतियात बरतने की आवश्यकता है। सरकार द्वारा लागू की गई GRAP पाबंदियों का पालन करते हुए नागरिकों को प्रदूषण के खिलाफ इस लड़ाई में सहयोग देना चाहिए। साथ ही, राज्य और केंद्र सरकार को भी ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके।
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