जर्मनी और ईरान के बीच तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है। जर्मन ईरानी नागरिक जमशेद शर्महद को ईरान में फांसी देने के बाद बवाल शुरू हो गया है। ईरानी सरकार के इस कदम के जबाव में जर्मनी ने तत्काल प्रभाव से ईरान में स्थित अपने सभी वाणिज्यिक दूतावासों को बंद करने का आदेश जारी किया है।
अपने इस कदम के बाद जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बैरबॉक ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों से बात करते हुए बड़ी ही बेफिक्रे अंदाज में कहा कि ईरान के साथ पहले से ही हमारे बहुत ही कम राजनयिक संबंध रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यूरोपीय समुदाय से ईरान के इस्लामिक रिवोल्युशनरी गॉर्ड कॉर्प्स (IRGC) को आतंकी संगठनों की लिस्ट में डालने का आग्रह किया है।
क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि ईरान की मुस्लिम कट्टरपंथी सरकार ने ईरानी मूल के जर्मन नागरिक 68 वर्षीय जमशेद शर्महद को फांसी पर चढ़ा दिया था। जमशेद अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहता था और पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। उस पर वर्ष 2023 में ईरान के कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाते हुए मौत की सजा सुना दी थी। खास बात ये है कि जमशेद वर्ष 2020 में यूएई के दौरे पर था, वहीं से उसे ईरानी एजेंटों ने किडनैप कर लिया था।
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इसके बाद वो उसे वहां से तेहरान ले गए और फिर वहां उस पर मुकदमा चलाया गया। गौरतलब है कि 1990 में जर्मनी ने बर्लिन में कुर्द-ईरानी अलगाववादियों की हत्या के बाद से ही ईऱान के साथ अपने संबंधों को कम कर दिया था। हालांकि, मोहम्मद खातमी के सत्ता में आने के बाद जर्मनी और ईरान के संबंधों में सुधार हुआ था, लेकिन अब ये एक बार फिर से बिगड़ रहे हैं।
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