देश में अवैध मदरसों का मकड़े की तरह फैला जाल और इन मदरसों से पनप रहीं कट्टरपंथी गतिविधियां बहुत ही चुनौती पूर्ण होती जा रही हैं। इन अवैध मदरसों पर नियंत्रण की लगातार कोशिशें सरकार के द्वारा किया की जा रही है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में 11 अवैध मदरसों का खुलासा हुआ है। इन अवैध मदरसों की जांच का जिम्मा अब एटीएस को सौंपा गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जिला अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख अधिकारी सच्चिदानंद तिवारी का कहना है कि जिन 11 मदरसों की लिस्ट को एटीएस को भेजा गया है, ये न तो रजिस्टर्ड हैं और न ही इनकी फंडिंग का कोई स्त्रोत है। बताया जा रहा है कि ये मदरसे बीते 2 दशक से भी अधिक वक्त से संचालित हो रहे हैं वो बिना किसी सरकारी मदद के। दावा किया जा रहा है कि उक्त मदरसे चंदे से चलते हैं। लेकिन इन चंदों का भी कोई आधिकारिक स्त्रोत उपलब्ध नहीं है।
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गाजीपुर अल्पसंख्यक विभाग ने एक जानकारी में कहा है कि उक्त मदरसों ने कभी भी मान्यता के लिए आवेदन करने की जहमत तक नहीं उठाई। इसके अलावा जब भी इन मदरसों से आय के स्त्रोत का पता लगाने की कोशिशें की जाती हैं तो इनके संचालक कोई भी जबाव नहीं देते हैं। कई बार पत्राचार करने की कोशिशों के बाद भी जब इन 11 मदरसों ने अल्पसंख्यक विभाग को जानकारी नहीं अपलब्ध कराई तो इसकी जानकारी एटीएस को भेज दी गई है।
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अल्पसंख्य विभाग, गाजीपुर के मुख्य अधिकारी सच्चिदानंद तिवारी ने इस बात की उम्मीद जताई है कि संभवत: की कार्रवाई के बाद इन मदरसों और इनकी फंडिंग के स्त्रोतों को लेकर जानकारी सामने आ सकती है।
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