बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा घटना पुराने ढाका के पटुआतुली इलाके की है, जहां दुर्गा पूजा के समापन के बाद मूर्तियों का विसर्जन करने जा रहे हिंदुओं पर हमला किया गया। यह घटना रविवार देर रात हुई, जब नूर सुपरमार्केट की छत से कुछ बदमाशों ने मूर्ति विसर्जन जुलूस पर ईंट और पत्थर फेंके। इस हमले में एक पुलिस अधिकारी समेत तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
द डेली स्टार समाचार पत्र के मुताबिक, यह हमला तब हुआ जब हिंदू समुदाय के लोग बुरीगंगा नदी में दुर्गा मूर्तियों का विसर्जन करने जा रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बदमाशों ने बाजार की छत से अचानक ईंट और पत्थरों से हमला किया। इस हिंसक कृत्य से विसर्जन जुलूस में शामिल लोग घबरा गए। हालात बेकाबू होते देख, जुलूस में शामिल कुछ लोगों ने हमलावरों से निपटने की कोशिश की और बाजार में प्रवेश करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने हस्तक्षेप कर दिया।
हिंदू समुदाय के लोगों द्वारा हमलावरों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की कोशिश के बाद, पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए हस्तक्षेप किया। हालांकि, इस दौरान पुलिस ने भी बल प्रयोग किया।
सांप्रदायिक हिंसा की बढ़ती घटनाएं
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को समय-समय पर इस तरह की हिंसा का सामना करना पड़ता रहा है। दुर्गा पूजा जैसे धार्मिक त्योहारों के दौरान खासतौर पर हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जाता है। हालांकि बांग्लादेश सरकार ने कई बार इस तरह की घटनाओं की निंदा की है और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की बात कही है, फिर भी ऐसे हमले लगातार हो रहे हैं।
यह घटना बांग्लादेश में धार्मिक असहिष्णुता और अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति बढ़ते खतरे की एक और मिसाल है। हिंदू समुदाय के लोग अपनी सुरक्षा को लेकर लगातार चिंता जाहिर कर रहे हैं और सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। दुर्गा पूजा जैसे त्योहार के दौरान किए गए इस हमले ने न केवल धार्मिक स्वतंत्रता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा पर भी गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ जारी यह हिंसा वहां के सामाजिक ताने-बाने और धार्मिक सहिष्णुता पर गंभीर खतरा उत्पन्न कर रही है।
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