भारत ने आंखों की एक गंभीर बीमारी ट्रेकोमा के खात्मे में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को भारत को दक्षिण-पूर्व एशिया में सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में ट्रेकोमा के उन्मूलन के लिए प्रमाण पत्र सौंपा। इस उपलब्धि के साथ, भारत ट्रेकोमा के उन्मूलन में इस क्षेत्र का तीसरा देश बन गया है, जो नेपाल और म्यांमार के साथ जुड़ता है।
ट्रेकोमा, जो कि ‘क्लैमाइडिया ट्रेकोमैटिस’ नामक बैक्टीरिया के कारण होता है, दुनियाभर में अंधेपन का एक प्रमुख कारण है। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति की आंखों और नाक से स्राव होने तथा उनके संपर्क में आने से फैलती है। इसके अलावा, इस बैक्टीरिया से संक्रमित लोगों की आंखों और नाक के संपर्क में आने वाली मक्खियाँ भी इसे फैलाने में मदद करती हैं। हालांकि ट्रेकोमा के मामलों की संख्या अब भी 44 देशों में देखने को मिलती है, लेकिन डब्ल्यूएचओ ने भारत की इस उपलब्धि को विशेष रूप से सराहा है, जहां लगभग 19 लाख लोग इस बीमारी के कारण दृष्टिहीनता से पीड़ित हैं।
डब्ल्यूएचओ ने भारत की सफलता का श्रेय सरकार के मजबूत नेतृत्व, नेत्र रोग विशेषज्ञों, और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दिया है। भारत सरकार ने सक्रिय ट्रेकोमा की प्रभावी निगरानी, निदान और प्रबंधन के लिए ठोस कदम उठाए हैं, जिसमें ट्राइकियासिस के लिए शल्य चिकित्सा सेवाओं का प्रावधान और समुदायों के बीच जल, स्वच्छता और सफाई को बढ़ावा देने के लिए भागीदारों के साथ मिलकर काम करना शामिल है।
इस उपलब्धि के बाद, भारत न केवल क्षेत्र में, बल्कि विश्व स्तर पर भी ट्रेकोमा के उन्मूलन के लिए अपनी भूमिका को और मजबूत करेगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और रोग निवारण की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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