शिमला के उपनगर संजौली स्थित विवादित मस्जिद के अवैध निर्माण पर शनिवार को नगर निगम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री की अध्यक्षता में मस्जिद के अवैध निर्माण पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आदेश दिया कि मस्जिद की ऊपर की तीन मंजिलें अवैध हैं और इन्हें गिराना होगा। यह फैसला 14 साल से चल रहे कानूनी विवाद के बाद आया है। मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड को दो महीने के भीतर इन तीन मंजिलों को अपने खर्चे पर ध्वस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर 2024 को निर्धारित की गई है।
14 सालों से कोर्ट में चल रही थी सुनवाई
संजौली की यह मस्जिद 2007 में बनाई गई थी, लेकिन 2010 में स्थानीय निवासियों ने इसे अवैध बताते हुए नगर निगम कोर्ट में याचिका दायर की। तब से इस मामले की सुनवाई चल रही थी, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया था। मस्जिद के निर्माण पर बार-बार नोटिस जारी होने के बावजूद चार मंजिलों का निर्माण पूरा हो गया था। नगर निगम की लापरवाही का भी आरोप लग रहा है, क्योंकि अवैध निर्माण के बावजूद मस्जिद को बिजली और पानी की सुविधा मिलती रही।
कोर्ट ने दिए तीन मंजिलें गिराने के आदेश
मस्जिद कमेटी ने खुद कोर्ट में अवैध निर्माण को गिराने का लिखित आवेदन दिया था। नगर निगम कोर्ट ने अपने फैसले में मस्जिद की दूसरी, तीसरी, और चौथी मंजिल को अवैध बताते हुए इन्हें दो महीने के भीतर ध्वस्त करने का आदेश दिया है। वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी को इन मंजिलों को गिराने की जिम्मेदारी दी गई है।
हिंदू संगठनों का विरोध और उग्र प्रदर्शन
संजौली मस्जिद का अवैध निर्माण प्रदेशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। सितंबर में हिंदू संगठनों ने इस मस्जिद के खिलाफ संजौली में प्रदर्शन किया था। 11 सितंबर को उग्र प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की बैरिकेडिंग के बाद वाटर कैनन और लाठीचार्ज से उन्हें रोक दिया गया। प्रदर्शन के दौरान कई लोग घायल हुए थे, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल थे। इस घटना के बाद प्रदेश के अन्य जिलों में भी मस्जिदों के अवैध निर्माण के मामले सामने आए और लोगों ने प्रदर्शन किया।
वक्फ बोर्ड का दावा और राजनीतिक विवाद
वक्फ बोर्ड ने कोर्ट में दावा किया कि मस्जिद उनकी जमीन पर बनी है, जबकि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में बयान दिया था कि यह मस्जिद हिमाचल सरकार की जमीन पर बनी है। इस मस्जिद का विवाद तब और गहराया जब अगस्त में शिमला के मल्याणा क्षेत्र में एक मारपीट की घटना हुई, जिसमें चरमपंथी इस्लामिक युवकों ने एक स्थानीय दुकानदार पर हमला किया। इसके बाद संजौली मस्जिद में हनुमान चालीसा का पाठ कर हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने अवैध निर्माण के खिलाफ आवाज उठाई।
अवैध निर्माण को गिराने का आदेश और आगे की प्रक्रिया
नगर निगम कोर्ट के फैसले के अनुसार, मस्जिद की तीन अवैध मंजिलें गिराई जाएंगी। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को रखी है। इस बीच ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी को दो महीने के भीतर पूरी करनी होगी।
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