इजरायल और हिजबुल्लाह के युद्ध के बीच ईरान द्वारा इजरायल पर मिसाइलों का अटैक करने पर भड़के इजरायल को शांत कराने में अमेरिका लग गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दो टूक कहा है कि वे ईरान के बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले के बदले में उसके ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के इजरायल के फैसले का विरोध करते हैं।
उनका ये कहना है कि येरुशलम को अपनी रक्षा के लिए जबाव देने का अधिकार है, लेकिन उसे आनुपातिक रूप से ऐसा करने की जरूरत है। बाइडेन बुधवार को G-7 के नेताओं की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे इस हरकत के लिए ईरान पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे। अपने एयरफोर्स वन में सवार होने से पहले बाइडेन ने कहा कि वो इस घटना को लेकर इजरायली सरकार से बात करेंगे।
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बताया जा रहा है कि मंगलवार के हमले का बदला लेने के लिए इजरायल ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने पर विचार कर रहा है।
क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले के तुरंत बाद दो टूक कहा था। ईरान ने बहुत ही बड़ी गलती कर दी है, इसका उसे बड़ा खामियाजा उठाना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि हिजबुल्लाह का समर्थन करते हुए ईरान ने करीब 181 बैलिस्टिक मिसाइलों को इजरायल पर दाग दिया था। हालांकि, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि उन्होंने ईरान की सभी मिसाइलों को नष्ट कर दिया था।
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अल अरबिया ने सूत्रों के हवाले से बताया कि हिजबुल्लाह के नेतृत्व में एक प्रमुख व्यक्ति हाशेम सफीद्दीन को संगठन की कार्यकारी परिषद द्वारा महासचिव के रूप में नॉमिनेट किया गया था। ईरान हिजबुल्लाह का समर्थन कर रहा है औऱ इसीलिए वो लगातार इजरायल पर हमले करने की कोशिश कर रहा है।
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