सुरक्षाकर्मियों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सली कहीं भी बारूदी सुरंगें बिछा देते हैं। इसका शिकार आम लोग भी होते हैं। इसके जीते-जागते उदाहरण हैं मिड़ियम गंगा। 43 वर्षीय मिड़ियम सुकमा के रहने वाले हैं।
29 जुलाई, 2015 की सुबह मिड़ियम गंगा एड़पाल गांव स्थित अपने साले सोढ़ी आयता के घर गए। वहां से ये सोढ़ी आयता, सोढ़ी देवा और लच्छू के साथ मोटरसाइकिल से करीगुंडम के लिए निकले।
ये लोग सोढ़ी देवा के रिश्ते की बात करने के लिए जा रहे थे। अभी ये लोग चिंतागुफा के पास पहुंचे ही थे कि सड़क के बीचों-बीच बारूदी सुरंग के फटने से जोरदार धमाका हुआ।
मिड़ियम गंगा और उनके साले सोढ़ी आयता दोनों मोटर साइकिल सहित उछल कर दूर जा गिरे। मिड़ियम गंगा के दोनों पैरों को क्षति पहुंची। चोट की वजह से मिड़ियम गंगा को आज भी चलने-फिरने और रोजमर्रा के कार्य निपटाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
वे कहते हैं, ‘‘एक झटके में जीवन ही बदल गया। पैर ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। इस कारण जीवन भार लगने लगा है।’’
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