समालखा । अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन का उद्घाटन शुक्रवार को हरियाणा के सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र, समालखा में हुआ। इस महत्वपूर्ण आयोजन का उद्घाटन गुजरात के प्रसिद्ध भागवत कथाकार पूज्य रमेशभाई ओझा ने अपने करकमलों से किया। इस अवसर पर वनवासी क्षेत्रों में जनजातियों के सर्वांगीण विकास हेतु समर्पित कार्यकर्ताओं ने देशभर से भाग लिया।
उद्घाटन समारोह में रमेश भाई ओझा ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा कार्य उपकार नहीं बल्कि साधना है। हमें सभी के साथ साझेदारी में जीवन जीना चाहिए। भागवत में तीन महत्वपूर्ण संदेश हैं – मनुष्य को मनुष्य के साथ, सृष्टि के साथ, और प्रकृति के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए। यही तीन बातें समाज और राष्ट्र की उन्नति में सहायक हैं।” उन्होंने साधु-संतों से आग्रह किया कि वे वनवासी क्षेत्रों में प्रवचन और कथाओं के माध्यम से कार्य करें ताकि समाज की एकता और अखंडता बनी रहे।
75 वर्षों की सफलता का संकल्प
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह रामदत्त जी ने इस मौके पर वनवासी कल्याण आश्रम के 75 वर्ष पूरे होने की जानकारी देते हुए कहा, “तीन वर्ष बाद वनवासी कल्याण आश्रम 75 वर्षों का गौरवशाली सफर पूरा करेगा। हमें इस सम्मेलन से यह संकल्प लेकर जाना है कि हम उन जनजातियों तक भी पहुंचेंगे, जहां अभी हमारा कार्य नहीं है।”
इस मौके पर राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य, कल्याण आश्रम के सत्येंद्र सिंह, उपाध्यक्ष एच के नागु, तेची गुबीन, महामंत्री योगेश बापट और संगठन मंत्री अतुल जोग भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की प्रमुख गतिविधियां
इस तीन दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन में 12 सत्रों के दौरान वनवासी कल्याण आश्रम की गतिविधियों और जनजातियों के विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। अलग-अलग प्रांतों के कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों में हो रहे कार्यक्रमों और कार्यों का वृत्तकथन प्रस्तुत करेंगे।
अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम वर्तमान में देशभर के 17,394 स्थानों पर 22,152 प्रकल्पों के माध्यम से जनजातियों के शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और ग्राम विकास के लिए कार्यरत है। सम्मेलन के दौरान देश की 80 विभिन्न जनजातियों के प्रतिनिधि अपनी पूजा पद्धतियों का प्रदर्शन करेंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से “एकता का संदेश” देंगे।
प्रदर्शनियां और पुस्तक केंद्र
सम्मेलन स्थल पर वनवासी कल्याण आश्रम की प्रगति, उपलब्धियों और मुख्य कार्यक्रमों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इसके साथ ही पुस्तक बिक्री केंद्र भी लगाया गया है, जहां संगठन से जुड़ी पुस्तकों की बिक्री की जा रही है।
टिप्पणियाँ