ढाका, (हि.स.)। बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के बावजूद अशांति का ज्वालामुखी ठंडा नहीं पड़ा है। रविवार को भी राजधानी ढाका में शाम से रात तक हिंसक प्रदर्शन होते रहे। अंतरिम सरकार में शामिल भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के नेताओं के साथ अंसार सिक्योरिट एजेंसी के वर्करों से टकराव के चलते हालात गंभीर हो गए। अंसार सिक्योरिटी एजेंसी को हसीना समर्थक माना जाता है। नियमिति किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे अंसार एजेंसी के वर्करों ने सचिवालय के कई अधिकारियों को बंधक बना लिया। इस दौरान हुई हिंसा में कम से कम 40 लोग घायल हो गए।
बांग्लादेश से छपने वाले समाचार पत्र ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, सचिवालय के पास शाम बाद छात्रों और अंसार सदस्यों के बीच हुई हिंसा में भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन का नेता हसनत अब्दुल्ला घायल हो गया। डीएमसीएच पुलिस चौकी प्रभारी इंस्पेक्टर बच्चू मिया ने पुष्टि की कि उन्हें ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। इंस्पेक्टर ने कहा कि झड़पों में छात्रों, अंसार सदस्यों, राहगीरों और पत्रकारों सहित कम से कम 40 लोग घायल हुए हैं।
अखबार के अनुसार, जैसे-जैसे रात चढ़ी, वैसे-वैसे सचिवालय के पास छात्रों और अंसार सदस्यों के बीच झड़पें तेज होती गईं। रात नौ बजे के बाद तो दोनों एक-दूसरे को दौड़ा-दौड़ा कर दबोचने लगे। हालात अनियंत्रित होते ही रात करीब 10 बजे सेना पहुंची। सैनिकों की मौजूदगी के बावजूद छात्रों और अंसार सदस्यों के बीच गोलीबारी होती रही। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया।
इसके बाद, अंसार के अधिकांश सदस्य जीरो प्वाइंट से बाहर निकल गए। सचिवालय के आसपास का क्षेत्र तब हजारों छात्रों के नियंत्रण में आ गया। सचिवालय के गेट पर सेना के जवान तैनात किए गए। छात्र किसी भी साजिश का विरोध करने की कसम खाते हुए नारे लगाते रहे। ढाका विश्वविद्यालय के छात्र अतीक हुसैन ने कहा कि अंसार सदस्यों की शुरुआती मांगें पूरी कर दी गई थीं, लेकिन अब वे एक अनुचित मांग के साथ स्थिति को जटिल बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके कार्यों के पीछे कोई साजिश हो सकती है, खासकर देश में चल रहे संकट को देखते हुए। रात करीब साढ़े दस बजे सलाहकार नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद सचिवालय से बाहर आए और उत्तेजित छात्रों से शांत रहने का आग्रह किया। उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि उन पर हमला करने वाले अंसार सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, इससे पहले दिन में ढाका विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्रावासों के छात्रों ने सचिवालय तक मार्च किया। इसके बाद राजू मेमोरियल स्कल्पचर पर जुटे। इस दौरान छात्रों को सूचना मिली कि अंसार सदस्यों ने अंतरिम सरकार में सलाहकार और भेदभाव विरोधी छात्रों के आंदोलन के समन्वयक नाहिद इस्लाम को सचिवालय में समन्वयक सरजिस आलम, हसनत अब्दुल्ला और अन्य के साथ हिरासत में ले लिया। इसके बाद हिंसक झड़प शुरू हो गई।
हसनत अब्दुल्ला ने फेसबुक पोस्ट में प्रदर्शनकारी अंसार सदस्यों की मांगें पूरी होने के बावजूद सचिवालय की लगातार नाकाबंदी के लिए अंसार के पूर्व महानिदेशक मेजर जनरल एकेएम अमीनुल हक को दोषी ठहराया। हसनत ने सभी से ढाका विश्वविद्यालय में राजू मेमोरियल मूर्तिकला के सामने इकट्ठा होने का भी आग्रह किया। उल्लेखनीय है कि एकेएम अमीनुल हक पूर्व जल संसाधन उप मंत्री एकेएम इनामुल हक शमीम के बड़े भाई हैं।
अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम चौधरी से आश्वासन मिलने के बाद अंसार सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन बंद कर दिया। अंसार सदस्य अपनी नौकरियों के राष्ट्रीयकरण की मांग को लेकर दो दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
इस बीच सूचना है कि अंसार के कुछ सदस्यों ने प्रशासन के अधिकारियों को सचिवालय के अंदर लगभग दस घंटे तक बंधक बनाए रखा। पुलिस और सेना के घटनास्थल पर पहुंचने पर रात 10:30 बजे सचिवालय के गेट नंबर तीन को खोलने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
आखिर क्या है अंसार
बांग्लादेश में अंसार एक ग्राम रक्षा बल है। इसे अंसार बाहिनी या अंसार वीडीपी के रूप में भी जाना जाता है। बांग्लादेश में यह आंतरिक सुरक्षा और कानून प्रवर्तन के संरक्षण के लिए जिम्मेदार एक अर्धसैनिक सहायक बल है। यह बांग्लादेश सरकार के गृह मंत्रालय से प्रशासित होता है।
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