न्याय प्रणाली में बदलाव जरूरी
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

न्याय प्रणाली में बदलाव जरूरी

महिला सुरक्षा और सम्मान के प्रति न्याय प्रणाली में बदलाव होना चाहिए ताकि महिलाओं को त्वरित न्याय मिले और उनमें अपनी सुरक्षा को लेकर भरोसा उत्पन्न हो

by मूमल राजवी
Aug 26, 2024, 09:02 am IST
in भारत, मत अभिमत, राजस्थान
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

अजमेर सेक्स स्कैंडल और ब्लैकमेल के तीन मास्टरमाइंड नफीस चिश्ती, फारुक चिश्ती और अनवर चिश्ती, जो अजमेर दरगाह के खादिम परिवार से हैं। तीनों कांग्रेस से भी जुड़े हुए थे। नफीस चिश्ती ने पूरी योजना के तहत एक उद्योगपति के बेटे से दोस्ती गांठी और उसे शहर से कुछ दूर स्थित एक फार्महाउस पर ले गया। वहां उसे पेय में नशीली दवा मिलाकर पिलाई।

मूमल राजवी
अधिवक्ता, राजस्थान उच्च न्यायालय

उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें खींची और ब्लैकमेल कर अपनी महिला मित्र को बुलाने के लिए दबाव डाला। जब वह फार्महाउस पर आई तो उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसकी आपत्तिजनक व नग्न तस्वीरें खींच लीं। इसके बाद उसे भी ब्लैकमेल किया गया। आरोपियों ने उसे धमकाया कि यदि उसने अपनी सहेलियों को उनसे नहीं मिलवाया या उनके पास नहीं बुलाया तो उसकी तस्वीरें वायरल कर देंगे और उसके परिवार को भी बदनाम कर देंगे। इस तरह एक छात्रा से दूसरी छात्रा, दूसरी से तीसरी दर्जनों छात्राओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म और ब्लैकमेल जैसे कुकृत्य का सिलसिला चलता रहा।

तब डिजिटल कैमरे नहीं होते थे। रील को डेवलप करवाकर फोटो तैयार की जाती थी। उस फार्महाउस पर खींची जाने वाली तस्वीरों को डेवलप और प्रिंट कराने के लिए अजमेर कलर लैब में भेजा जाता था। यहीं से तस्वीरें लीक हुईं और शहर भर में फैल गईं। इससे कई लड़कियों की बदनामी हुई और बदनामी व ब्लैकमेल से तंग आकर उन्होंने आत्महत्या कर ली। जब एक के बाद एक छह लड़कियों ने आत्महत्या की, तब लोगों का ध्यान इस तरफ गया। उधर, अजमेर कलर लैब के लीक तस्वीर मीडिया के पास भी पहुंची। एक अखबार में इसके बारे में खबर भी छपी।

तत्कालीन एसपी महेंद्रनाथ धवन ने मौखिक सूचना के आधार पर डीएसपी हरि प्रसाद शर्मा को इस प्रकरण की जांच का जिम्मा सौंपा। शुरुआती जांच के बाद प्राथमिकी (संख्या-117/92) दर्ज की गई। गहन जांच में पता चला कि अजमेर दरगाह के खादिम परिवार से जुड़े लोग इस कांड के मास्टरमाइंड हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने मई 1992 को जांच का जिम्मा सीबी सीआईडी को सौंपा। इस मामले में शुरू में आठ लोगों को आरोपी बनाया गया था, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, आरोपियों की संख्या बढ़ती गई।

नवंबर 1992 में पहली बार जब आरोप-पत्र दाखिल किया गया, तब आरोपियों की संख्या 18 थी। इनमें से नौ गिरफ्तार हो चुके थे। एक आरोपी पुरुषोत्तम, जो जमानत पर था, ने 1994 में आत्महत्या कर ली। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 18 मई, 1998 को सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। 20 जुलाई, 2001 को उच्च न्यायालय ने चार आरोपियों को बरी कर दिया और चार की सजा बरकरार रखी। 19 दिसंबर, 2003 को बाकी बचे चार आरोपियों को बरी कर दिया। मुख्य आरोपियों में एक फारुख चिश्ती, जिसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, उच्च न्यायालय ने 2013 में दिमागी हालत खराब होने के कारण उसे रिहा कर दिया।

इसके बाद फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हुई, जिनमें से 6 को 32 वर्ष बाद उम्रकैद की सजा मिली है। एक आरोपी, जहूर चिश्ती पर एक लड़के के साथ दुष्कर्म का केस भी चल रहा है। अदालत के फैसले के बाद 68 वर्षीया पीड़िता ने दुख जताते हुए कहा, ‘‘इन दरिंदों को सजा कम मिली है। इन्होंने कई लड़कियों का जीवन खराब किया। कई ने जान दे दी, कई लोगों के घर-परिवार उजड़ गए। उन्हें छिपकर अपनी जिंदगी बितानी पड़ी।

कई पहले ही छूट कर अजमेर में रसूख से जी रहे हैं। क्या यह न्याय तंत्र की कमजोरी नहीं है? क्या देरी से मिला ये न्याय पूरा है? खादिम परिवार के लोगों का ऐसे जघन्य अपराध का मास्टरमाइंड होना क्या हमारे मन में खौफ पैदा नहीं करता? महिला सुरक्षा के लिए आवाज उठाने वाले ज्यादातर संगठनों की चुप्पी क्या ‘सिलेक्टिव एक्टिविज्म’ नहीं है? क्या सिलेक्टिव एक्टिविज्म देश व समाज के लिए खतरा नहीं है? क्या इसे देश के विरुद्ध एक षड्यंत्र कहना गलत होगा? महिला सुरक्षा और सम्मान के प्रति न्याय प्रणाली में बदलाव हो, ताकि त्वरित न्याय से महिलाओं में सुरक्षा को लेकर भरोसा पनप सके।

Topics: अजमेर सेक्स स्कैंडलAjmer Sex Scandalमास्टरमाइंड नफीस चिश्तीफारुक चिश्तीअनवर चिश्तीmastermind Nafees Chishtiसामूहिक दुष्कर्मFarooq Chishtigang rapeAnwar Chishtiअजमेर दरगाहAjmer Dargahपाञ्चजन्य विशेष
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस: छात्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण का ध्येय यात्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

कृषि कार्य में ड्रोन का इस्तेमाल करता एक किसान

समर्थ किसान, सशक्त देश

उच्च शिक्षा : बढ़ रहा भारत का कद

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies