ह्यूस्टन
11 अगस्त को अमेरिका के ह्यूस्टन में बांग्लादेश और भारतीय मूल के 300 से अधिक लोगों ने प्रदर्शन किया। इन लोगों ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से बांग्लादेश में हो रही हिंदुओं की हत्या को रोकने की मांग की। ये प्रदर्शनकारी तख्तियां लेकर पहुंचे थे, जिन पर लिखा था-
‘हम भागेंगे नहीं, हम छिपेंगे नहीं’,
‘अब खड़े हो जाओ और बोलो’,
‘हिंदू नरसंहार बंद करो’,
‘हिंदू जीवन मायने रखता है।’
न्यूयॉर्क
इससे पहले 10 अगस्त को हिंदुओं ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। सैकड़ों हिंदुओं ने बांग्लादेश के जिहादी तत्वों के विरोध में नारे लगाए और संयुक्त राष्ट्र से यह मांग की कि बांग्लादेश में हिंदुओं को बचाने के लिए वह कोई प्रभावी कदम उठाए।
लंदन
10 अगस्त को ब्रिटेन के लंदन में हिंदुओं ने प्रदर्शन किया। हाउस आफ पार्लियामेंट के बाहर हुए इस प्रदर्शन में हिंदुओं के साथ ही ईसाई समाज के लोग भी थे। प्रदर्शनकारियों ने ब्रिटिश सरकार से अनुरोध किया कि वह बांग्लादेशी हिंदुओं की रक्षा के लिए कुछ करे।
टोरंटो
11 अगस्त को कनाडा के टोरंटो में रहने वाले सैकड़ों हिंदू सड़कों पर उतर आए। विशेष बात यह रही कि उनके साथ वहां का भी थाईसाई और यहूदी समाज। इन लोगों ने एक स्वर से कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर हिंदुओं की सुरक्षा के लिए दबाव बनाने की मांग की।
विहिप ने जताई चिंता
गत 13 अगस्त को नई दिल्ली में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, लोकतंत्र और मानवाधिकार के रक्षण को लेकर एक चिंतन बैठक हुई। इसे संबोधित करते हुए विश्व हिंदू परिषद् (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने इस संकट से वहां के हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए भारत सरकार और विश्व हिंदू परिषद द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने एक हेल्पलाइन के बारे में बताया जिसके माध्यम से बांग्लादेश के पीड़ित हिंदू परिवारों को भारत सरकार की ओर से सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। श्री आलोक कुमार ने बांग्लादेश के निर्माण से लेकर आज तक की अनेक राजनीतिक अस्थिरता की घटनाओं और उस समय वहां के हिंदुओं, बौद्धों और दूसरे अल्पसंख्यकों पर कैसे अत्याचार किए गए, इस बात को भी उजागर किया।
बीरगंज
गत 9 अगस्त को बीरगंज (नेपाल) में हजारों हिंदुओं ने बांग्लादेश के हिंदुओं के पक्ष में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हिंदू मठ-मंदिरों में हुई तोड़फोड़ और हिंदुओं की हत्या की घोर निंदा की। प्रदर्शनकारियों ने विश्व समुदाय से कहा कि वह बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा पर ध्यान दे।
थाईलैंड
गत 16 अगस्त को विश्व हिंदू परिषद, थाईलैंड के नेतृत्व में बैंकाक स्थित बांग्लादेश दूतावास के सामने हिंदुओं ने प्रदर्शन किया। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
वाराणसी
11 अगस्त को वाराणसी में हिंदुओं ने बांग्लादेश की घटनाओं के विरोध में रैली निकाली। विशाल भारत संस्थान एवं मुस्लिम महिला फाउंडेशन के तत्वावधान में हुई इस रैली में महिलाओं और बच्चों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। महिलाओं ने ड्रम बजाकर बांग्लादेश में हिन्दू महिलाओं की पीड़ा को मुखर किया। इस अवसर पर बांग्लादेशी जिहादियों का पुतला भी फंूका गया।
गाजियाबाद
गत 11 अगस्त को गाजियाबाद में केंद्रीय आर्य युवक परिषद एवं शंभू दयाल दयानंद वैदिक संन्यास आश्रम ने एक कार्यक्रम किया। इसे संबोधित करते हुए केंद्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि भारत सरकार को हस्तक्षेप करके बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
चंडीगढ़
11 अगस्त को चंडीगढ़ महानगर के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों और छात्रों ने पंजाब विश्वविद्यालय में शांति यात्रा निकाली। वक्ताओं ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर बर्बर हमलों, मठ-मंदिरों में तोड़फोड़ का कड़ा विरोध किया और सेना व प्रशासन की निष्क्रियता की निंदा की।
जयपुर
राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी हजारों हिंदुओं ने बांग्लादेश में घट रही घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन किया। भारी वर्षा के बाद भी लोग शामिल हुए। उन लोगों ने बांग्लादेश में मारे गए हिंदुओं का तर्पण किया और उनके परिवार वालों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की। ऐसे ही सांगानेर में भी हिंदुओं ने प्रदर्शन किया।
प्रज्ञा प्रवाह की अपील
बौद्धिक संगठन‘प्रज्ञा प्रवाह’ ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों की घटनाओं की जांच के लिए एक तथ्यान्वेषी दल तैनात करने की अपील की है। ‘प्रज्ञा प्रवाह’ ने अपनी अपील में कहा है, ‘‘बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों, वकीलों और चिंतित नागरिकों का एक समूह आपको पत्र लिख रहा है क्योंकि हम परेशान हैं।’’
संस्था ने यह भी आग्रह किया है यूएनएचआरसी जमीनी स्थिति का आकलन करने, पीड़ितों से बातचीत करने और हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के विरुद्ध मानवाधिकारों के उल्लंघन का दस्तावेजीकरण करने के लिए तुरंत एक दल बांग्लादेश भेजे। ‘प्रज्ञा प्रवाह’ ने बांग्लादेशी अधिकारियों से ‘हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों के जीवन, संपत्ति और गरिमा की रक्षा’ के लिए तत्काल और प्रभावी उपाय करने का भी आग्रह किया है और यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि ‘हिंसा के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।’
संस्था ने यूएनएचआरसी से ‘शरण मांगने वालों के लिए सुरक्षित मार्ग की सुविधा’ और आवश्यक मानवीय सहायता प्रदान करने की भी अपील की है। ‘प्रज्ञा प्रवाह’ ने यूएनएचआरसी से अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने और अपनी आजीविका खो चुके लोगों के जीवन के पुर्निनर्माण के लिए एक पहल शुरू करने की भी अपील की है।
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