ईसाई प्रचारक जनजातीय लोगों के भोले-भाले स्वभाव का लाभ उठाकर उन्हें कन्वर्ट करते हैं। ओडिशा में ऐसी ही घटना सामने आयी है। जनजातीय महिला को बीमारी दूर करने का आश्वासन देकर ईसाई मत में कन्वर्ट किया गया। इसके बाद उसे दवाई व मेडिकल चिकित्सा प्रदान करने के बजाय सुबह-शाम प्रार्थना करायी गई और उस महिला की मौत हो गई है। इस घटना के सामने आने के बाद जनजातीय समाज के लोगों में रोष व्याप्त है तथा उन्होंने कन्वर्जन पर पूरी तरीके से रोक लगाने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार जनजाति बहुल मयूरभंज जिले के वामनघाटी सबडिवीजन अंतर्गत बिशोई थाना क्षेत्र के केशाम गांव में यह घटना सामने आयी है। इस गांव की हो जनजाति की महिला पिंकी जामुदा (36 ) को किडनी की समस्या थी। तीन बच्चों की मां पिंकी के पति का दो वर्ष पूर्व देहांत हो गया था ।
महिला की स्वास्थ्य की स्थिति खराब रहने के कारण ईसाई प्रचारक उनके यहां आकर उन्हें ईसाइयत में कनवर्ट होने के लिए प्रेरित किया। उन्हें भरोसा दिलाया कि अपनी मूल संस्कृति को छोड़ कर यदि ईसाइयत अपना लेंगी तो बीमारी से मुक्त हो जाएंगी।
इन ईसाई प्रचारकों के झांसे में आकर पिंकी जामुदा ईसाई बन गईं। उनकी बातों में आकर पिंकी ने दवाई व मेडिकल चिकित्सा करना बंद कर दी। उनसे सुबह व शाम ईसाईयत की प्रार्थना करायी गई । उनकी हालत और अधिक बिगडने के बाद उन्हें गांव के पास स्थित एक चर्च में रखा गया । स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार न होने के कारण नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली उनकी बेटी उन्हें पास के मणदा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर गई।
वहां से डाक्टरों ने उन्हें मयूरभंज जिला मुख्यालय बारिपदा स्थित पंडित रघुनाथ मुर्मु मेडिकल कॉलेज व अस्पताल रेफर कर दिया। जब बेटी अपनी मां को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंची तो डॉक्टरों ने पिंकी को मृत घोषित कर दिया।
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