चित्तौड़गढ़, हि.स.)। जिले बेगूं कस्बे में वर्ष 2009 में निकाले गए मजहबी जुलूस के दौरान देश विरोधी और भड़काऊ नारे लगाने के मामले में छह अभियुक्त दोषी करार दिए गए हैं। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बेगूं ने प्रत्येक को पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।
लोक अभियोजक सुनीता चावला ने बताया कि वर्ष 2009 में बेगूं में जुलूस निकाला गया था। इसमें देश विरोधी लगाने का आरोप लगा था। न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बेगूं के पीठासीन अधिकारी डॉ. पीयुष जैलिया ने निर्णय सुनाया है। अभियुक्त बबलू सोयब उर्फ असलम पुत्र आलमबख्स, हैदर पुत्र मुबारिक खान, शौकत पुत्र यासीन खान, आबिद हुसैन पुत्र आजाद हुसैन, आरीफ अंसारी पुत्र फकरुद्दीन अंसारी तथा मोईनुद्दीन उर्फ मोहम्मद्दीन पुत्र ख्वाजा उर्फ खाजू खान निवासी बेगूं को दोषी पाया। इन पर वर्ष 2009 में निकाले उर्स के जुलुस के दौरान देशविरोधी एवं भड़काऊ नारे लगा कर सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास करने का आरोप लगा।
धारा 153 क एवं ख, 295 क भारतीय दण्ड संहिता के तहत दोषसिद्ध घोषित करते हुए 5 वर्ष के साधारण कारावास से दण्डित किया गया। सुनीता चावला ने बताया कि न्यायालय के इस निर्णय से समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले व्यक्तियों में कानून का भय व्याप्त होगा एवं आम जनता में एक सही संदेश जाने के साथ ही समाज के आसाजिक तत्वों द्वारा फैलाई जाने वाली वैमनस्यता पर लगाम लगेगी।
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