महिला कांवड़ियों की संख्या बढ़ी
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तर प्रदेश

महिला कांवड़ियों की संख्या बढ़ी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश से एक सप्ताह के भीतर रिकॉर्ड 50 लाख से अधिक शिवभक्त हरिद्वार पहुंचे

by अनुरोध भारद्वाज
Aug 3, 2024, 12:10 pm IST
in उत्तर प्रदेश, धर्म-संस्कृति, दिल्ली, पर्यावरण
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश से एक सप्ताह के भीतर रिकॉर्ड 50 लाख से अधिक शिवभक्त हरिद्वार पहुंचे हैं। मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ, बागपत, बिजनौर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, मुरादाबाद, बरेली सहित आसपास के जिलों से हर रोज भारी संख्या में कांवड़ियों के हरिद्वार, ब्रजघाट (हापुड़), कछला घाट (बदायूं-कासगंज) और नरौरा घाट पहुंचने का क्रम जारी है। पहले भी महिलाएं पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली से बड़ी संख्या में कांवड़ लेकर हरिद्वार जाती रही हैं, लेकिन इस बार उनकी संख्या अधिक है। इनमें 60 से 75 वर्ष की महिलाएं भी शामिल हैं। दिल्ली की अलका और साधना 11 वर्ष से लगातार कांवड़ यात्रा कर रही हैं। पिलखुआ की पूनम चौहान ने कुछ वर्ष पहले अपनी बहन के बीमार बेटों के स्वस्थ होने के लिए मन्नत मांगी थी। उसके बाद से वह हर साल कांवड़ यात्रा कर रही हैं। महिला कांवड़ियों का कहना है कि महादेव की प्रार्थना और पूजा हमेशा फलदायी होती है।

नए युग के श्रवण कुमार

दृश्य 1 : कांवड़ियों के जत्थों में छोटे-छोटे बच्चे भी दिखे, जो अपने माता-पिता और बड़े बुजुर्गों की सलामती के लिए कंधों पर भारी-भरकम कांवड़ लेकर निकले। इनमें दिल्ली का 11 वर्षीय नैतिक और उसकी 8 वर्षीया बहन नैन्सी भी थे। दोनों भाई-बहन अपने माता-पिता की लंबी आयु के लिए हरिद्वार से पैदल गंगाजल लेकर आए। रास्ते में जिसने भी इन बच्चों को कांवड़ ले जाते देखा, उन पर अपना स्नेह लुटाया। नैतिक 22 लीटर गंगाजल लेकर आया। बम भोले का जयघोष करके दोनों का गला बैठ चुका था, लेकिन उनके चेहरों पर थकान का नामोनिशान तक नहीं था।

दृश्य 2 : बेटों को तो अक्सर माता-पिता को कांवड़ में बैठा कर तीर्थ यात्रा कराने ले जाते देखा या सुना होगा। लेकिन बेटा-बहू को बुजुर्ग माता-पिता को कंधों पर कांवड़ यात्रा कराते शायद नहीं देखा होगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पहासू गांव के राजकुमार की मां सरोज देवी की इच्छा थी कि इस बार वह भी कांवड़ यात्रा करें। लेकिन एक तो अधिक उम्र और ऊपर से व्याधि, इसलिए वह पैदल नहीं चल सकती थीं। मां की इच्छा पूरी करने के लिए रामकुमार और उनकी पत्नी ने विशेष पालकी बनाई और अनूपशहर गंगाघाट से गांव के शिव मंदिर तक 6 दिन में 65 किमी. मां को कांवड़ यात्रा कराई।

7 सहेलियां

हरिद्वार से कांवड़ लेकर मुजफ्फरनगर के भोपा स्थित सेवा शिविर में पहुंची 7 सहेलियां भी चर्चा के केंद्र में रहीं। इनमें पलवल (हरियाणा) की 70 वर्षीया ऊषा देवी भी थीं, जो सातवीं बार कांवड़ लेकर आर्इं। उन्होंने कहा कि भोले बाबा ने उनके परिवार को सब कुछ दिया है, इसलिए इस बार उन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए कांवड़ यात्रा की। ऊषा देवी सहेलियों के साथ जूनागढ़, द्वारकापुरी, जगन्नाथ, गोरखनाथ, सोमनाथ, वृंदावन, मथुरा-गोवर्धन सहित 17 तीर्थस्थलों की यात्रा कर चुकी हैं। वे गुजरात के जूनागढ़ में गिरनार पर्वत की चोटी पर स्थित दत्तात्रेय तीर्थ की 10,000 सीढ़ियां चढ़ चुकी हैं। इस बार उन्होंने अपनी सहेलियों बिमला, कमला, श्यामवती, जयदेई, बती, रामादेवी के साथ कांवड़ यात्रा की।

41 वर्ष से जलाभिषेक

बिहार में ‘कृष्णा बम’ नाम से प्रसिद्ध मुजफ्फरपुर की 72 वर्षीया कृष्णा देवी ने इस बार 41वीं कांवड़ यात्रा पूरी की। वह हर वर्ष पैदल सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर देवघर स्थित वैद्यनाथ धाम जाती हैं। उनकी सुरक्षा में पुलिस तैनात रहती है, क्योंकि उनके पैर छूने, सेल्फी लेने के लिए लोगों में होड़ लगी रहती है। पहली बार 1976 में बाबा गरीबनाथ का जलाभिषेक करने वाली कृष्णा बम 1982 में देवघर गई थीं। तब से वह लगातार डाक बम के रूप में सुलतानगंज से गंगाजल लेकर बाबा वैद्यनाथ का जलाभिषेक करती आ रही हैं। 2023 में पहली बार वह कांवड़ यात्रा नहीं कर सकीं, क्योंकि उनका पैर टूट गया था। वह 2019 में पाकिस्तान स्थित कटासराज मंदिर भी जा चुकी हैं।

सेवा में जुटी पुलिस

2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा बिल्कुल बदल गई। पहले कांवड़ यात्रा तरह-तरह के प्रतिबंधों में जकड़ी हुई थी, लेकिन योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद इसमें बदलाव आया। इस बार तो राज्य पुलिस ने पूर्वी उत्तर प्रदेश से पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक कांवड़ियों की सुरक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ी। जगह-जगह पुलिस के जवान कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा भी करते दिखे। सिपाही से लेकर आला अफसर तक कांवड़ियों की सेवा में जुटे हैं। खासतौर से सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, शामली, बागपत, बुलंदशहर, हापुड़, गाजियाबाद, नोएडा, बिजनौर में पुलिस मुस्तैद रही और सेवा शिविर लगाकर कांवड़ियों की सहायता में दिन-रात जुटी रही। खुद डीजीपी प्रशांत कुमार कांवड़ यात्रा की निगरानी करते रहे। मेरठ, मुजफ्फरनगर में एटीएस कमांडो तैनात किए गए थे। कांवड़ मार्गों पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल तैनात थे। असामाजिक तत्वों पर भी नजर रखी जा रही थी ताकि कांवड़ियों के वेश में कोई भी अशांति न फैला सके।

विज्ञान-अध्यात्म का मिलन

कांवड़ यात्रा में देश के वैज्ञानिक और इंजीनियर भी पीछे नहीं रहे। पिछले वर्ष मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित राजा रमन्ना सेंटर आफ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों-इंजीनियरों की टीम ने कांवड़ यात्रा की थी। संस्थान के 150 वैज्ञानिकों-इंजीनियरों के दल ने ओंकारेश्वर से नर्मदा नदी का पवित्र जल लेकर इंदौर के कैट परिसर स्थित सुखेश्वर महादेव का अभिषेक किया था। इन्होंने 2007-08 में कांवड़ यात्रा शुरू की थी। शुरू में 10-12 वैज्ञानिक ही शामिल होते थे, पर अब यह संख्या 150 हो गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि विज्ञान के माध्यम से चीजों की खोज होती है, जबकि अध्यात्म के माध्यम से स्वयं को खोजा जाता है। विज्ञान सीमित है, लेकिन ईश्वर असीमित हैं। उन्हें पाने के लिए जिस शक्ति से जुड़ना जरूरी है, उसके लिए हृदय में आस्था जरूरी है।

सच्ची आस्था, झूठा विमर्श

Topics: Vrindavanदेवघर स्थित वैद्यनाथ धामकांवड़ यात्राद्वारकापुरीजलाभिषेकमथुरा-गोवर्धनगोरखनाथShravan Kumar of the new eraGorakhnathJal AbhishekDwarkapurijagannathMathura-Govardhanजगन्नाथसोमनाथपाञ्चजन्य विशेषवृंदावननए युग के श्रवण कुमार
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस: छात्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण का ध्येय यात्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

कृषि कार्य में ड्रोन का इस्तेमाल करता एक किसान

समर्थ किसान, सशक्त देश

उच्च शिक्षा : बढ़ रहा भारत का कद

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies