लोकसभा चुनाव में केरल में भले ही भाजपा ने एक ही सीट जीत हासिल की है, लेकिन जिस तरह से भाजपा का ग्राफ बढ़ा है,उससे वामपंथियों को अपनी जमीन दरकती दिख रही है। यही कारण है कि प्रदेश में वामपंथी लगातार मंथन कर रहे हैं। इसी क्रम में केरल सीपीएम के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने पार्टी सचिवों को एक रिपोर्ट भेजी है, जिसमें उन्होंने पार्टी में अवांछनीय प्रवृतियों की कड़ी आलोचना की गई है।
CPM सचिव एमवी गोविंदन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि कामरेड पैसे के लालची हो रहे हैं। सीपीएम नेता का कहना है कि सीपीएम में कई लोग केवल पैसे कमाने की खातिर ही पार्टी में शामिल हो रहे हैं। वामपंथी पार्टी ने यह भी दावा किया कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी को दिए गए निचले स्तर से दिए गए आंकड़े गलत थे, जो कि गंभीर गलती है। एमवी गोविंदन का कहना है कि लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी जमीनी स्तर पर वास्तविकता को समझने में फेल हो गई थी।
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सीपीएम के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने पार्टी सचिवों को भेजी रिपोर्ट में पार्टी में अवांछनीय प्रवृत्तियों की कड़ी आलोचना की है। अपनी रिपोर्ट में गोविंदन ने कहा कि कामरेड पैसे के लालची हो रहे हैं। गोविंदन ने रिपोर्ट में आलोचना करते हुए कहा, “कई लोग वित्तीय लाभ कमाने के उद्देश्य से पार्टी में शामिल होते हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी को निचले स्तर से दिए गए आंकड़े गलत थे, जो एक गंभीर गलती है।” गोविंदन ने यह भी कहा कि पार्टी जमीनी स्तर पर वास्तविकता को समझने में विफल रही।
सॉफ्ट हिन्दुत्व की तरफ लौटने की सलाह
केरल में घटते जनाधार से चिंतित सीपीएम ने अब सॉफ्ट हिन्दुत्व की तरफ लौटने की सलाह दी है। सनातन धर्म और हिन्दू मंदिरों से नफरत करने वाले वामपंथी अब मंदिरों की ओर लौटने की बात कर रहे हैं। एमवी गोविंदन ने अपनी पार्टी को सलाह दी है कि वो मंदिरों से दूरी बनाकर न रखे। उन्होंने कहा, “आस्था के मामलों से दूर न रहें। भले ही पार्टी के सदस्य न जाएं, लेकिन समर्थकों को मंदिर के मामलों में शामिल होना चाहिए। आस्थावानों को भी करीब रखना चाहिए और लोगों के साथ विनम्रता से पेश आना चाहिए।”
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