एक महत्वपूर्ण और साहसिक कदम उठाते हुए, भारत सरकार ने हाल ही में “भारत एआई मिशन” की घोषणा की है। केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि केंद्र सरकार अगले 2 से 3 महीनों में 10,000 करोड़ रुपये का भारत एआई मिशन लॉन्च करेगी। देश की तकनीकी प्रगति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए यह मिशन शुरू किया जा रहा है, जिसमें 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस मिशन का उद्देश्य भारत को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी बनाना है।
मिशन के प्रमुख उद्देश्य
- मिशन के तहत देशभर में एआई के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए उच्च स्तरीय संस्थानों, विश्वविद्यालयों और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ साझेदारी की जाएगी।
- एआई के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए युवाओं और पेशेवरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और ऑनलाइन कोर्सेज की शुरुआत की जाएगी।
- मिशन के अंतर्गत नए नवाचारों और स्टार्टअप्स को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपने आइडियाज को हकीकत में बदल सकें।
- एआई के उपयोग में नैतिकता और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए एक सशक्त नीति बनाई जाएगी। इससे एआई के उपयोग में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित होगी।
- एआई का उपयोग विभिन्न उद्योगों में उत्पादनशीलता बढ़ाने, लागत घटाने और नई नौकरियों के सृजन में सहायक होगा। इससे देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और परिवहन जैसे क्षेत्रों में एआई के उपयोग से सेवाओं की गुणवत्ता और पहुँच में सुधार होगा। इससे समाज के सभी वर्गों को लाभ मिलेगा।
- एआई मिशन भारत को वैश्विक एआई हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा, जिससे देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।
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