बार बार ये आरोप लगते रहे हैं कि हमास के जिहादी आम फिलिस्तीनियों को ढाल बनाकर इस्राएल पर हमले बोलते हैं। हमास के हत्यारे गाजा में महिलाओं और बच्चों को आगे रखकर बोगोलियां चलाते हैं। यही वजह है कि इस्राएल ने रिहायशी इलाकों तक की छानबीन करके जिहादियों को ढूंढ—ढूंढकर मारा।
ताजा जानकारी के अनुसार, गाजा के आम नागरिक आतंकवादी संगठन हमास को रणनीतिक मदद पहुंचा रहे हैं, वे हमास के इस्राएली बंधकों को अपने घरों में छुपाए हुए हैं। इस्राएली सेना द्वारा रिहा कराए गए बंधकों ने बताया है कि गाजा पट्टी में जिहादी संगठन ने नागरिक से साठगांठ की हुई है और बंधकों को नागरिकों के घरों में कैद करके रखा गया था।
इस्लामी आतंकवादी संगठन हमास का एक सदस्य रामी अब्दु यूरोप में रहता है। उसने ही यह बात जाने—अनजाने बताई है कि अपने घर में इस्राएली बंधकों को कैद रखने वाला एक आदमी कभी अमेरिका के एक गैरसरकारी संगठन में कार्यरत रहा था। रामी ने यह भी बताया कि एक इस्राएली महिला बंधक, 26 साल की नोआ अरगामनी को जिस आदमी के घर कैद करके रखा गया था वह कतर के इस्लामी चैनल अल जजीरा का पत्रकार था।
मानवाधिकार निगरानी संस्था यूरो-मेड का अगुआ रामी अब्दु ने एक्स पर अपनी पोस्ट में अल जजीरा के उस ‘पत्रकार’ 36 साल के अब्दुल्ला अल जमाल तथा उसकी बीवी फातिमा का नाम ऐसे लोगों में गिनाया है, जिन्हें इस्राएली सुरक्षा बलों ने नुसेरात पर चढ़ाई के दौरान मार गिराया था। यही जगह है जहां हमास ने इस्राएली बंधकों को कैद करके रखा हुआ था।
मानवाधिकार निगरानी संस्था यूरो-मेड का अगुआ रामी अब्दु ने एक्स पर अपनी पोस्ट में अल जजीरा के उस ‘पत्रकार’ 36 साल के अब्दुल्ला अल जमाल तथा उसकी बीवी फातिमा का नाम ऐसे लोगों में गिनाया है, जिन्हें इस्राएली सुरक्षा बलों ने नुसेरात पर चढ़ाई के दौरान मार गिराया था। यही जगह है जहां हमास ने इस्राएली बंधकों को कैद करके रखा हुआ था।
बताया गया है कि इस्राएली बंधक नोआ अरगामनी को ही अल जजीरा के पत्रकार अब्दुल्ला के घर में छिपा कर रखा हुआ था। गाजा में रहने वाला अब्दुल्ला अल जजीरा तथा फिलिस्तीन क्रॉनिकल के लिए खबरें भेजा करता था। पहले भी अल जजीरा पर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं कि उसका हमास और उस जैसे इस्लामी आतंकवादी संगठनों के लिए नरमाई वाला रुख रहा है। चैनल उनके विरोध वाली खबरें नहीं दिखाता या उन्हें सरसरी तौर पर दिखाता है।
अब्दुल अलजमाल फिलिस्तीन क्रॉनिकल और कतर के चैनल अल जजीरा के लिए काम करता था; इसके अलावा वह हमास के श्रम मंत्रालय का प्रवक्ता भी बताया जाता था। हालांकि स्वाभाविक तौर पर अल जजीरा ने यह कहा है कि उसके ‘पत्रकार’ अल जमाल को हमास ने ही उसके यहां काम पर लगाया था।
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