कर्णावती : गुजरात एटीएस ने अमदाबाद एयरपोर्ट से दबोचे गए आईएस आतंकियों से पूछताछ के बाद बड़ा खुलासा किया है। इन चारों ने फरवरी से खौफनाक मिशन के लिए ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था। इनमें से दो आतंकी आठ बार भारत आ चुके थे। उनके मोबाइल फोन से आतंकी बनने के समय लिए गए शपथ के वीडियो भी मिले हैं। एटीएस और सेन्ट्रल एजेन्सियों ने गुजरात में IS के स्लीपर सेल के सक्रिय होने की दिशा में जांच शुरू की है। आतंकी ‘मास अटैक’ (बड़े पैमाने पर हमला) करके डर का माहौल पैदा करने के इरादे से भारत आये थे।
गुजरात एटीएस ने अमदाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट से मोहम्मद नुसरत, नफ़रान, रसदीन और फरिस को दबोचा था। ये चारों आतंकी 14 दिन की रिमांड पर हैं। एटीएस सभी को अलग-अलग रखकर ट्रांसलेटर की मदद से पूछताछ कर रही है। पूछताछ में सामने आया है कि फरिस और नुसरत आठ बार भारत आ चुके थे। फरिस ड्रग्स की और नुसरत सोने की हेराफेरी करता था। रसदीन के सामने श्रीलंका में पांच शिकायत दर्ज हो चुकी हैं। चारों आतंकियों के मोबाइल फोन एफएसएल में भेज दिए गए हैं और मोबाइल फोन की हिस्ट्री रिकवर की जा रही है। जांच में सामने आया है कि चेन्नई एयरपोर्ट पर चारों आतंकी एयरपोर्ट के वाई-फाई से फोन कनेक्ट करते थे। इसलिए आतंकियों के कॉल लॉग जानने के लिए चेन्नई पुलिस से संपर्क किया गया है।
चारों आतंकियों के मोबाइल फोन की जांच के दौरान फोन में अलग-अलग लोगों के फोटो मिले हैं। ये सभी लोग आतंकियों के टारगेट पर थे या नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है। आतंकियों के मोबाइल फोन और ईमेल के आधार पर मिली जानकारी के जरिए एटीएस को नाना चिलोड़ा विस्तार से 20 राउंड लोडेड ‘फेड्रेली एडमिनिस्ट्रेट ट्राइबल एरिया’ लिखी हुई तीन पिस्टल मिली थीं। इन हथियारों को तीन-चार दिन पहले ही उस जगह पर रखा गया होगा, ऐसी आशंका है। इसके लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है।
स्थानीय स्तर पर IS के स्लीपर सेल की दिशा में जांच तेज
चारों आतंकियों की स्थानीय स्तर पर कौन मदद कर रहा है, इस दिशा में पुलिस ने जांच शुरू की है। श्रीलंका से आए हुए चारों आतंकियों को हमले के स्थान पर ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था या फिर अन्य कोई मदद पहुंचाने के लिए स्थानीय स्तर पर कोई शख्स सक्रिय था या नहीं, इस दिशा में जांच शुरू की गई है। इस्लामिक स्टेट का स्लीपर सेल अमदाबाद या गुजरात में सक्रिय है, इस बात की प्रबल संभावना है और इसको लेकर जांच तेज हुई है। आत्मघाती हमले के लिए तैयार किए गए चारों आतंकियों को भारत और अमेरिका हमास की मदद कर रहे हैं, ऐसा बताकर उकसाया जाता था। दो आतंकियों के मोबाइल फोन से अबू बकर सूचना दे रहा था। गुजरात पहुंचने के बाद उन्हें कौन मिलेगा और क्या करना है इस बात की सूचना अबू बकर देने वाला था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने आतंकियों को दबोच लिया। अब स्थानीय स्तर पर आतंकियों के मददगारों को पकड़ने की दिशा में जांच बढ़ाई गई है।
श्रीलंका सरकार भी जांच में जुड़ेगी
श्रीलंका के चार युवक इस्लामिक स्टेट में शामिल होकर आतंक फैलाने निकले हैं, यह जानकारी श्रीलंका सरकार को भी मिली है। श्रीलंका सरकार ने गुजरात एटीएस और भारत सरकार से पूरी जानकारी लेने की प्रक्रिया शुरू की है। श्रीलंका सरकार भी पाकिस्तान में रहने वाले IS आतंकी अबू बकर की सक्रियता के बारे में जांच करेंगे। भारत में पकड़े गए चारों आतंकियों की जानकारी लेकर श्रीलंका में चारों की सक्रियता और स्थानीय स्तर पर उनके लिंक खंगाले जाएंगे।
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