इजरायल हमास युद्ध के बीच ऐसा पहली बार है जब कतर ने फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के मुखिया इस्माइल हानिए समेत तमाम बड़े नेताओं को कतर छोड़ने का आदेश दिया था। पिछले महीने कतर से निकाले जाने के बाद हमास के सभी नेता तुर्की में शरण लेने चले गए।
द टाइम्स ऑफ इजरायल ने दो अधिकारियों के हवाले से इसकी पुष्टि की है। रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल और हमास के बीच समझौता करवाने के लिए कतर मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है, लेकिन हमास की हरकतों को देखते हुए कतर ने इन्हें चुपचाप दोहा छोड़ने का फरमान सुना दिया था। बताया जा रहा है कि ऐसा करके कतर हमास पर इजरायल के साथ वार्ता के लिए दबाव बनाना चाहता था। दरअसल, पिछले साल नवंबर में आखिरी बार एक सप्ताह के लिए युद्ध विराम हो सका था, उसके बाद हर बार हमास ने नई शर्तें रखकर वार्ता को सफल नहीं होने दिया।
क्या है पूरा मामला
हमास के साथ वार्ता फेल होने के कारण इजरायल बार-बार कतर की आलोचना कर रहा था। बताया जाता है कि इससे प्रभावित होकर 17 अप्रैल को कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी ने ये आदेश जारी किया था। कतर के पीएम ने कहा था कि दोहा ने अपनी मध्यस्थ भूमिका की समीक्षा शुरू करने का फैसला किया है। अधिकारियों के मुताबिक, कतर छोड़ने के बाद हमास के नेता तुर्की चले गए। वहां कई सप्ताह तक रहने के बाद इन्होंने राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन से मुलाकात की। इसके बाद मिस्र ने अपनी तरफ से बंधक वार्ता को शुरू कर दिया।
ऐसे में कतर को लगा कि अब तो बाजी उसके हाथ से निकल रही है और उसने हमास के नेताओं से कहा कि वे अगर वार्ता को जारी रखते हैं तो वे वापस कतर लौट सकते हैं। हमास का मुखिया वापस कतर लौट भी आया, लेकिन वार्ता सफल नहीं हो सकी। उल्लेखनीय है कि 7 अक्तूबर 2023 के हमास के इजरायल पर नृशंस हमले के बाद से इजरायल लगातार पूरे गाजा को बम बारी करके पाट रहा है। हालांकि, अभी तक वह हमास को खत्म नहीं कर सका है।
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