लोकसभा चुनाव-2023 के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं। इसी क्रम में पूर्वोत्तर भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैली की। इस बीच उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद दशकों तक कांग्रेस सरकारों ने पूर्वोत्तर राज्यों को हाशिये पर धकेले रखा। लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया क्योंकि उनके लिए इस क्षेत्र में संभावित चुनावी लाभ बहुत कम था। उनके लिए पूर्वोत्तर बहुत दूर था और इसके विकास के लिए काम करना भी मुश्किल था। लेकिन हमारी सरकार आते ही हमने पूर्वोत्तर में यथास्थिति बदलने की प्रतिबद्धता के साथ अलगाव और अज्ञानता की नीति को एकीकरण की नीति से बदल दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये बातें असम ट्रिब्यून को दिए इंटरव्यू में कहीं। उन्होंने कहा कि इन बीते 10 वर्षों में पूर्वोत्तर से अलगाव को खत्म कर हमने इसे भारत के ‘गेटवे ऑफ ईस्ट’ के तौर पर विकसित किया है। पीएम मोदी कहते हैं कि आज पूर्वोत्तर ना दिल्ली से दूर है और ना दिल से दूर है। उन्होंने बताया कि अपने 10 वर्ष के इस कार्यकाल में ही 70 बार पूर्वोत्तर का दौरा किया है, जो कि शायद कुल प्रधानमंत्रियों की संयुक्त यात्रा से कहीं अधिक है। इसके अलावा 2015 से अब तक भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रियों ने कुल 680 बार से अधिक बार पूर्वोत्तर का दौरा किया है। हमने दुनिया को ये दिखाया है, “जब नियत सही होती है, तो इरादे भी सही होते हैं।”
इसे भी पढ़ें: Satellite Images ने उजागर की China की शैतानी मंशा, Ladakh सीमा पर किसी बड़ी शरारत के संकेत
चार गुना से अधिक निवेश
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने नॉर्थ ईस्ट राज्यों के विकास के लिए बात की। उन्होंने कहा कि अब तक नॉर्थ ईस्ट में हमने जितना निवेश किया है वो कांग्रेस या किसी और सरकार द्वारा आवंटित राशि से चार गुना अधिक है। पिछले दशक में हुए बुनियादी ढाँचे के विकास ने इस क्षेत्र को देश के बाकी हिस्सों और दुनिया से इतना जोड़ दिया है, जितना पहले कभी नहीं था।
हमने बोगीबील ब्रिज और भूपेन हजारिका सेतु जैसी लंबे समय से प्रतीक्षित महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी परियोजनाओं को पूरा किया, जिससे लोगों का जीवन आसान हो गया है। हाल ही में, मुझे सेला टनल का उद्घाटन करने का अवसर मिला जो 13,000 फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है। यह सीमावर्ती क्षेत्रों को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। हमारी सरकार ने ही 2019 में इसका शिलान्यास किया था।
पूर्वोत्तर की शिक्षा पर 14000 करोड़ रुपए खर्च
इस बीच प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर की युवा शक्ति, उनकी प्रतिभा, उनके कौशल और उनकी ऊर्जा पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से पूर्वोत्तर में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 14,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं। देश का पहला खेल विश्वविद्यालय मणिपुर में खोला गया है। हम 8 राज्यों में 200 से अधिक खेलो इंडिया केंद्र बना रहे हैं। पिछले दशक में इस क्षेत्र से 4,000 से अधिक स्टार्टअप उभरे हैं।
2014 से अब तक 9500 उग्रवादियों ने किया सरेंडर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में फैले हिंसा और उग्रवाद से निजात दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने लगातार कार्य किए हैं। पीएम मोदी ने द असम ट्रिब्यून को बताया कि पिछले 10 वर्षों में कुल 11 शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह किसी भी पिछली सरकार के तहत अभूतपूर्व प्रगति है। इसके साथ ही 2014 से अब तक 9,500 से अधिक विद्रोहियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। 2014 की तुलना में 2023 में उग्रवाद की घटनाओं में 71 फीसदी की कमी आई है।
अधिकांश हिस्सों से हटाया AFSPA
पूर्वोत्तर राज्यों में हालात बदले हैं और इस बात को इस तरह से समझा जा सकता है कि बेहतर सुरक्षा हालातों के मद्देनजर पूर्वोत्तर के अधिकांश हिस्सों से AFSPA कानून को हाल ही में केंद्र सरकार ने वापस ले लिया है। सुरक्षा बलों की हताहतों की संख्या में 60 प्रतिशत और नागरिकों की मौतों में 82 प्रतिशत की कमी आई है। असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच सीमा विवाद निपटान समझौतों पर सफलतापूर्वक बातचीत की है, जिससे सीमा पर 123 गांवों से संबंधित लंबे समय से चले आ रहे विवाद का अंत हो गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमने असम और मेघालय के बीच 50 साल पुराने विवाद को भी खत्म कर दिया है। बोडो समझौते और ब्रू-रियांग समझौते जैसे शांति समझौतों के कारण कई विद्रोहियों और आतंकवादियों ने सरेंडर किए हैं।
10 वर्ष में 5 लाख करोड़ रुपए खर्च किए
प्रधानमंत्री ने समाचार पत्र से बात करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचे की कनेक्टिविटी सबसे बड़ी समस्या थी, जिसमें सुधार देखा जा रहा है, चाहे वह सड़क मार्ग हो या रेलवे, वायुमार्ग हो या जलमार्ग। सुदूरतम कोनों में भी 5जी कनेक्टिविटी स्थापित की जा रही है। हमने पिछले 10 वर्षों में भारत सरकार के मंत्रालयों द्वारा 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करके पूर्वोत्तर को एक “परित्यक्त क्षेत्र” से “प्रचुर क्षेत्र” में बदल दिया है। आजादी के 67 साल बाद मेघालय भारत के रेल नेटवर्क पर आया, नागालैंड को 100 साल बाद अब अपना दूसरा रेलवे स्टेशन मिला, पहली मालगाड़ी मणिपुर के रानी गाइदिन्ल्यू रेलवे स्टेशन पहुंची। इसके अलावा पूर्वोत्तर को अपनी पहली सेमी हाई-स्पीड ट्रेन मिल गई।
अरुणाचल पर बोले पीएम मोदी
चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश का नामकरण करने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो टूक कहा कि पूर्वोत्तर का विकास हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी का भी अभिन्न अंग है।अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा। आज सूरज की पहली किरण की तरह अरुणाचल और नॉर्थईस्ट तक विकास के काम पहले से कहीं ज्यादा तेज गति से पहुंच रहे हैं।
पीएम मोदी कहते हैं कि पिछले महीने मैंने विकसित भारत विकसित उत्तर पूर्व कार्यक्रम के लिए ईटानगर का दौरा किया था। मुझे 55,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का अनावरण करने का सौभाग्य मिला, जो विकसित नॉर्थ ईस्ट के लिए गारंटी प्रदान कर रही हैं। अरुणाचल प्रदेश में लगभग 35,000 परिवारों को उनके पक्के घर मिले, और 45,000 परिवारों को पेयजल आपूर्ति परियोजना से लाभ हुआ।
टिप्पणियाँ