मलेशिया के सुल्तान इब्राहिम ने विपक्षी दलों को चेतावनी देते हुए कहा कि अल्लाह के नाम का फायदा न उठाएं। मलेशिया में दरअसल इन दिनों मोजों की जोड़ी को लेकर विवाद चल रहा है, जोकि केके सुपर मार्केट में बेचे जा रहे थे। केके मार्ट के निदेशक जहां चीन के हैं तो वहीं जिस कम्पनी ने मोजों की आपूर्ति की थी, वह भी चीन की है।
इन मोजों पर अरबी में अल्लाह शब्द लिखा था। जैसे ही इनकी तस्वीरें वायरल होना शुरू हुईं, वैसे ही आक्रोश फैल गया। मलेशिया में दो तिहाई आबादी मुस्लिमों की है। जब इन मोजों की तस्वीरें लोगों ने देखी तो स्टोर के मालिक पर मजहबी भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया। जो केके स्टोर इन मोजों के कारण विवादों में चर्चा में आया है, उसके संस्थापक एवं निर्देशक चाई की कान एवं लो स्यु मुई पर मुस्लिमों की मजहबी भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा और उन्हें जेल भेज दिया गया। साथ ही शिन जियांग चांग (Xin Jiang Chang Sdn Bhd) कम्पनी, जिसने इन मोजों की आपूर्ति की थी, उसके तीन अधिकारियों पर भावनाएं भड़काने का आरोप लगा है। अब इन सभी पर मुकदमा चलाया जाएगा।
हालांकि स्टोर की ओर से माफी मांग ली गयी है, मगर इसको लेकर मलेशिया में विपक्षी दलों का हंगामा जारी है। वहां के विपक्षी दल केके मार्ट के आउटलेट का बहिष्कार करने का आह्वान कर रहे हैं। इस घटना के कारण मलेशिया के मुस्लिम समुदाय के कट्टरपंथी वर्गों में जहां मजहबी उन्माद बढ़ गया है तो वहीं चीनी एवं भारतीय समुदाय के प्रति एक तनाव की स्थिति आ गयी है, जो वर्ष 2022 में हुए चुनावों के बाद से लगातार तनाव में है।
#NSTnation Sultan Ibrahim, King of Malaysia has called on all parties to stop exploiting the "Allah" socks issue.https://t.co/FApEqNpZtT
— New Straits Times (@NST_Online) March 27, 2024
यही कारण है कि सुल्तान इब्राहिम को सामने आना पड़ा और उन्होंने कहा कि किसी भी दल को इस मामले को लेकर घृणा फैलाने की आवश्यकता नहीं है और एकता बनाए रखनी चाहिए। इस तरह के विरोध से कोई लाभ नहीं होता है। इन मामलों को अधिकारियों के लिए छोड़ देना चाहिए। इस घटना को हलके में नहीं लिया जाएगा और कठोर से कठोर कदम दोषियों के खिलाफ उठाए जाएंगे। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि अल्लाह शब्द मुस्लिमों के लिए बहुत पवित्र है।
चूंकि यह मामला बहुसंख्यकों की मजहबी भावनाओं से जुड़ा हुआ था, तो इसे लेकर कई तरह की राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है और यह भी कहा जा रहा है कि केके मार्ट को प्रतिबंधित किया जाए। मीडिया के अनुसार उम्नो यूथ के प्रमुख डॉ. अकमल सालेह ने यह मांग रखी है कि केके मार्ट को देशभर में अपने सभी 881 स्टोरों पर बैनर लगाकर मोजे की बिक्री के लिए माफी मांगनी चाहिए और ऐसा न करने पर कड़ा बहिष्कार किया जाएगा।
जवाब में, एमसीए युवा प्रमुख लिंग तियान सून ने अकमल से शांत रहने और केके मार्ट के सार्वजनिक बहिष्कार को प्रोत्साहित न करने का आग्रह किया। और इन्हीं सब विवादों को लेकर मलेशिया के सुल्तान ने यह चेतावनी दी है कि मोज़े विवाद को ज्यादा हवा न दी जाए और इसका राजनीतिक दुरुपयोग न किया जाए। उन्होंने कहा कि हमें एकता की ओर लोगों को लेकर जाना चाहिए और यह बहुत ही अच्छा अवसर है जब हम इस विविध समाज में एक-दूसरे को बेहतर समझ सकते हैं, जिससे कि ऐसी घटनाएं अब न हों। जहां इस ग्रुप की ओर से सार्वजनिक माफी मांगी जा चुकी है, तो वहीं अधिकारियों द्वारा आरोपियों पर कानूनी कदम भी उठाए जा चुके हैं। बार-बार इसे लेकर इसलिए भी विविधता में एकता की बात कही जा रही है क्योंकि केके मार्ट के निदेशक जहां चीन के हैं तो वहीं जिस कम्पनी ने मोजों की आपूर्ति की थी, वह भी चीन की है।
इसी विवाद को लेकर केके मार्ट के एक स्टोर पर पेट्रोल बम भी फेंका गया है। मीडिया ने 26 मार्च को यह समाचार दिया कि पेराक के बिडोर में केके मार्ट स्टोर पर पेट्रोल बम फेंका गया। हालांकि वह बम फटा नहीं। जहां एक ओर ये विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, उसी समय मलेशिया के सुल्तान का यह कहना कि इस विवाद का लाभ न उठाया जाए, बहुत कुछ कहता है। यह वक्तव्य कहीं न कहीं मजहबी और राजनीतिक विवादों को दो अलग-अलग विषय समझने की बात करता है। पेट्रोल बम फेंके जाने से यह भी प्रतीत होता है कि कैसे कुछ लोग हमेशा ही क़ानून हाथ में लेने के लिए तैयार रहते हैं फिर उसका परिणाम कुछ भी हो।
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