लाहौर उच्च न्यायालय में आज एक दिलचस्प याचिका की सुनवाई होनी है। यह याचिका इस मांग को लेकर है कि अदालत भारत की आजादी के लिए फांसी चढ़ने वाले तीन क्रांतिवीरों सरदार भगत सिंह, राजगुरु तथा सुखदेव के 93वें शहादत समारोह की सुरक्षा का आदेश दे।
उल्लेखनीय है कि हर साल लाहौर में उक्त तीनों क्रांतिवीरों की शहादत की याद में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस साल इसी कार्यक्रम को सुरक्षा दिए जाने की मांग वाली यह याचिका आयोजक भगत सिंह स्मारक फाउंडेशन पाकिस्तान ने दायर की है। गत शनिवार को दायर की गई इस याचिका पर आज संभवत: अदालत अपना फैसला सुना दे।
भगत सिंह स्मारक फाउंडेशन की ओर से याचिका दायर करने वाले वकील इम्तियाज राशिद कुरैशी को उम्मीद है कि अदालत फाउंडेशन के इस कार्यक्रम को सुरक्षा उपलब्ध कराएगी। याचिका दायर करने के पीछे वजह नई बनी पंजाब सरकार द्वारा कार्यक्रम को सुरक्षा दिए जाने की अपील पर ध्यान न दिया जाना है। आयोजक कट्टर मजहबी तत्वों की तरफ से इस आयोजन के कथित विरोध को देखते हुए सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
भगत सिंह स्मारक फाउंडेशन की ओर से याचिका दायर करने वाले वकील इम्तियाज राशिद कुरैशी को उम्मीद है कि अदालत फाउंडेशन के इस कार्यक्रम को सुरक्षा उपलब्ध कराएगी। याचिका दायर करने के पीछे वजह नई बनी पंजाब सरकार द्वारा कार्यक्रम को सुरक्षा दिए जाने की अपील पर ध्यान न दिया जाना है। आयोजक कट्टर मजहबी तत्वों की तरफ से इस आयोजन के कथित विरोध को देखते हुए सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
अगले हफ्ते 23 मार्च को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की तैयारी पूरी हो चुकी हैं। फाउंडेशन गत अनेक वर्ष से इसे आयोजित करके तीनों क्रांतिवीरों के फांसी पर चढ़ने के प्रति अपनी कृतक्षता ज्ञापित करती आ रही है। याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय इस कार्यक्रम को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए पंजाब सरकार को उचित निर्देश दे। 23 मार्च को यह कार्यक्रम लाहौर के शादमान चौक पर सम्पन्न होना है।
यह पंजाब सूबे के लाहौर का शादमन चौक ही है जहां 23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को तत्कालीन अंग्रेज हुकूमत ने फांसी दी थी। फाउंडेशन के वकील ने अदालत में प्रस्तुत याचिका में उल्लेख किया है कि भगत सिंह की याद में होने जा रहे इस समारोह को लेकर कुछ मजहबी उन्मादियों ने धमकी दी है।
जैसा पहले बताया, फाउंडेशन ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से पहले पंजाब सूबे की सरकार से सुरक्षा दिए जाने की अपील की थी। लेकिन उस अपील पर ध्यान नहीं दिया गया। याचिका में पंजाब सरकार तथा जिला प्रशासन के तीन अधिकारियों के खिलाफ अदालत के आदेश की अवमानना को लेकर कार्रवाई करने की मांग की गई है। यहां बता दें कि लाहौर उच्च न्यायालय ने ही साल 2018 में शादमन चौक का नाम बदलकर भगत सिंह चौक करने का आदेश पारित किया था।
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